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राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में नदी में बहे कुशलगढ़ उपखण्ड अधिकारी (एसडीओ) रामेश्वर दयाल मीणा को खोजने के लिए चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन रविवार को खत्म हो गया. एसडीओ का शव करीब 48 घंटे बाद पांच किलोमीटर दूर सुगली नदी में मिला. एसडीओ के परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए शव लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने केस की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर एसडीओ के ड्राइवर अशोक सहित कई लोगों पर केस दर्ज किया है. सभी से पूछताछ की जा रही है.
एनडीआरएफ, एफडीआरएफ, गोताखोरों और ग्रामीणों की मदद से रविवार को एसडीओ मीणा का शव बहाव से करीब 5 किलोमीटर दूर मिला. कलेक्टर भगवती प्रसाद ने एसडीओ मीणा का शव मिलने की जानकारी दी. कलेक्टर के अनुसार, जिस तरह से उनकी सरकारी गाड़ी क्षतिग्रस्त हुई है उससे साफ जाहिर होता है कि बहाव काफी तेज था.
शनिवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान घटनास्थल से करीब 4 किलोमीटर दूर उनकी घड़ी मिली थी, जिससे उनका शव कहीं आसपास होने की उम्मीद जताई जा रही थी. उसी शाम पेड़ के किनारे फंसी उनकी क्षतिग्रस्त गाड़ी मिली लेकिन एसडीओ मीणा उसमें नहीं थे. जिसके बाद रविवार को सर्च टीम ने नग्न अवस्था में एसडीओ का शव बरामद कर लिया.
सर्च टीम के अनुसार, एसडीओ का शव नदी की मिट्टी में दबा हुआ था और उनकी बॉडी पर एक भी कपड़ा नहीं था. एसडीओ के बेटे संदीप मीणा ने इसे हादसा नहीं बल्कि हत्या बताया. संदीप ने मौके पर शव लेने से इनकार कर दिया. संदीप ने उनके पिता की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.
क्या था मामला
एसडीओ रामेश्वर दयाल मीणा शुक्रवार सुबह बांसवाड़ा से कुशलगढ़ जा रहे थे. इसी दौरान वे बिलड़ी के पास ढेबरी नदी का पुल पार कर रहे थे, तभी नदी का बहाव अचानक तेज हो गया, जिससे उनकी गाड़ी पानी में बह गई थी. उनका ड्राइवर अशोक करीब दो किलोमीटर की दूरी पर तैरते हुए बाहर निकल आया, लेकिन एसडीओ मीणा नदी के तेज बहाव में बह गए. अशोक ने बताया कि वह दोनों सुबह करीब सात बजे बांसवाड़ा से कुशलगढ़ के लिए निकले थे. पहले पुल पर पानी कम था, लेकिन अचानक से पुल पर पानी तेज आ गया जिससे उनकी गाड़ी बह गई थी.