48 करोड़ की जी.एस.टी. बोगस बिलिंग मामला, इन लोगों को कोर्ट से नहीं मिली राहत
जालंधर: स्टेट जी.एस.टी. विभाग द्वारा 48 करोड़ की बोगस बिलिंग का पर्दाफाश करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जिनमें 2 व्यक्तियों की जमानत हो गई थी जबकि 2 अन्य व्यक्ति जेल में बंद हैं। उक्त आरोपियों में कालिया कालोनी निवासी पंकज कुमार (उर्फ पंकज आनंद) पुत्र परवेश आनंद (मैसर्ज पी.के. ट्रेडिंग कम्पनी), रविंद्र सिंह पुत्र हरपाल सिंह निवासी कोट रामदास (गुरु हरराय ट्रेडिंग कम्पनी) द्वारा सी.जे.एम. माननीय अमित कुमार गर्ग की अदालत में जमानत याचिका लगाई गई। इसे लेकर स्टेट जी.एस.टी. विभाग द्वारा अपना पक्ष रखा गया जिस पर माननीय अदालत ने उक्त आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इस पूरे घटनाक्रम में जाली बिलिंग करने के लिए गलत कागजात तैयार करवाकर विभाग को चकमा देने की कोशिश की गई। पंकज ने 2 पैन कार्ड बनवा रखे थे, इसमें एक पैन कार्ड पंकज कुमार के नाम पर जबकि दूसरा पैन कार्ड पंकज कुमार आनंद के नाम पर बनवाया गया। अधिकारियों का कहना है कि यह बात सामने आने पर विभाग ने जांच को आगे बढ़ाया जिसके बाद यह स्कैंडल सामने आया।
विभागीय जांच में कई रहस्यों से पर्दा उठ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि पंकज ने अपनी पत्नी सहित परिजनों के नाम पर जाली फर्म बनाकर विभाग को 16 करोड़ रुपए का चूना लगाया। वहीं जेल में बंद दूसरे आरोपी रविंदर सिंह पर विभाग को 5.40 करोड़ रुपए की चपत लगाने की बात उजागर हुई है। 48 करोड़ रुपए के इस घोटाले में आई.टी.सी. (इनपुट टैक्स क्रैडिट) का लाभ लेकर विभाग को चूना लगाया गया है। इसमें प्लास्टिक व लोहे की स्क्रैप का कारोबार दिखाया गया था, जबकि इसकी खरीद-फरोख्त केवल कागजों में हो रही थी। बैंक में जमा होने वाले पैसों को भी तुरंत प्रभाव से निकलवा लिया जाता था जिसके चलते विभाग ने जांच को आगे बढ़ाया। स्टेट जी.एस.टी. विभाग द्वारा 30 जनवरी को बोगस बिलिंग मामले को लेकर छापेमारी करके कुल 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
इनमें गुरविंद्र सिंह निवासी काला सिंघा रोड, ईश्वर नगर (मैसर्ज शिव शक्ति इंटरप्राइजिज) व अमृतपाल सिंह पुत्र कुलविंद्र सिंह निवासी ढिल्लों कालोनी, रामा मंडी (मैसर्ज नॉर्थ वोग) की जमानत हो चुकी है। जी.एस.टी. विभाग पंजाब के एडीशनल कमिश्नर स्टेट टैक्स-1 इंवैस्टीगेशन आई.ए.एस. विराज एस. तिड़के की अगुवाई में उजागर हुए इस घोटाले पर वरिष्ठ अधिकारी अपने नजरें जमाए हुए हैं।