उत्तर प्रदेशराज्यलखनऊ

विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान में खोजे गए 49 क्षय रोगी

संचारी रोग अभियान के दौरान अधूरे कार्यों को जल्द से जल्द किया जाए पूरा : जिलाधिकारी
विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान पर जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक

लखनऊ : संचारी रोगों पर नियंत्रण पाने के लिए जनपद के तालाबों की सफाई, फॉगिंग, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति पर खास तौर से ध्यान देने की जरूरत है। यह बात जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने गत माह चले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान व दस्तक अभियान की समीक्षा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि संचारी रोग अभियान के दौरान जो कार्य अधूरे रह गए हैं] उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसमें सभी संबंधित विभाग अपनी सहभागिता निभाएं। उन्होंने कहा की आम जन को पीने के पानी का निरीक्षण करने का प्रशिक्षण दिया जाए। जिससे वह पानी की शुद्धता का पता लगा सके। इस तरह वह दूषित पानी के प्रयोग से बचे रहेंगे साथ ही कालरा, डायरिया जैसी बीमारियों के होने की संभावना भी कम हो जाएगी। पेयजल की शुद्धता के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि घरों में आने वाली पानी की बोतल में कंपनी की पंजीकरण संख्या लिखना अनिवार्य हो।

संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. संदीप सिंह ने बताया कि जुलाई माह में बारिश होने के कारण बीमारियां फैलने की संभावना रहती है। बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने और बीमारों का समय से इलाज करने के लिए शासन के निर्देश पर एक जुलाई से 31 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण दस्तक अभियान चलाया गया। इसमें 1 से 15 जुलाई तक जागरूकता के कार्यक्रम हुए। जबकि 16 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान के तहत घर घर जाकर टीमों ने संभावित मरीजों की खोज की। अभियान में स्वास्थ्य विभाग के अलावा नगर निकाय, पंचायती राज विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, कृषि विभाग] महिला एवं बाल विकास] पशुधन विभाग, शिक्षा विभागों का सहयोग लिया गया था।

दस्तक अभियान के तहत टीम के द्वारा 5-51 लाख से अधिक घरों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान 49 संदिग्ध क्षय रोगी और 907 बुखार के लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान की गई। इस मौके पर उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ- एपी सिंह, डा• संदीप सिंह नोडल अधिकारी संचारी रोग, जिला मलेरिया अधिकारी डा- रितु श्रीवास्तव, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधीक्षक व अन्य सभी विभागों के नोडल अधिकारी, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, पाथ, टाटा ट्रस्ट, प्लान इंडिया, सीफॉर और एम्बेड परियोजना के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

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