5 नवंबर को गुरु कर रहे है धनु राशि में प्रवेश, इन राशिवालों के लिए होगा शुभ
देवगुरु बृहस्पति लगभग 12 वर्षों बाद पुनः 05 नवंबर की प्रातः 05 बजकर 17 मिनट पर अपनी राशि धनु में प्रवेश कर रहे हैं। ये एक सदी में लगभग आठ बार धनु राशि की परिक्रमा करते हैं। गुरु के धनु राशि में गोचर करने से ‘हंस’ योग बनता है। धनु और मीन राशि के स्वामी गुरु पुनर्वसु, विशाखा एवं पूर्वाभाद्रपद नक्षत्रों के भी स्वामी हैं। कर्क राशि इनकी उच्च और मकर राशि नीच संज्ञक कही गयी है। जिन जातकों की जन्मकुंडली में गुरु धनु राशि में होकर केन्द्र या त्रिकोण में होंगे उनके लिए ‘हंस’ योग श्रेष्ठतम फलदाई रहेगा। वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को सर्वाधिक शुभ एवं शीघ्रफलदाई ग्रह माना गया है। जन्मकुंडली में द्वितीय, पंचम, नवम तथा एकादश भाव के कारक होते हैं। इनका धनु राशि में जाना सभी राशियों के लिए कैसा रहेगा इसका ज्योतिशीय विश्लेषण करते हैं।
मेष राशि- आपके भाग्यभाव में बृहस्पति का गोचर किसी वरदान से कम नहीं है। भाग्य वृद्धि, विदेश यात्रा के योग, तीर्थ यात्रा और देशाटन का आनंद मिलेगा। इनकी अमृतदृष्टि आपके शरीर, शिक्षा एवं ज्ञान पर पड़ रही है अतः स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। शिक्षा प्रतियोगिता में सफलता एवं संतान के दायित्व की पूर्ति होगी। पराक्रम भाव पर पड़ रही इनकी मारक दृष्टि कुछ आलसी बना सकती है अतः इससे बचें।
वृषभ राशि- आपके अष्टमभाव में बृहस्पति का जाना स्वास्थ्य के लिए थोड़ा प्रतिकूल तो हो सकता है किंतु, मान सम्मान की दृष्टि से उत्तम रहेगा। इनकी दृष्टि व्ययभाव पर भी पड़ रही है अतः खर्च अधिक होगा। धन भाव पर भी इनकी दृष्टि के फलस्वरूप रुका हुआ धन आएगा। अचल संपत्ति का क्रय कर सकते हैं। सुख भाव पर अमृत दृष्टि मकान वाहन के क्रय का योग बना रही है शीघ्र लाभ उठाएं।
मिथुन राशि- मिथुन राशि के लिए सप्तम भाव में बृहस्पति का हंस योग बनाना भी वरदान की तरह है। शादी-विवाह संबंधी वार्ता भी सफल रहेगी, व्यापार के क्षेत्र में उन्नति के एवं नौकरी में पदोन्नति के अवसर आयेंगे। यदि आप सरकारी सर्विस हेतु आवेदन करना चाहें तो शुभ रहेगा लाभ उठा सकते हैं। स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा, लाभ मार्ग प्रसस्थ होगा, सभी सोची-समझी रणनीति कारगर सिद्ध होगी।
कर्क राशि- कर्क राशि वालों के लिए शत्रु भाव में बृहस्पति का होना मिलाजुला फल देगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, कर्ज से मुक्ति मिलेगी किंतु, गुप्त शत्रु बढ़ सकते हैं इसका ध्यान रखें। कार्यक्षेत्र में उच्चाधिकारियों से मधुर संबंध बनाकर रखें। इनकी अमृत दृष्टि आपके कर्मभाव पर है अतः नौकरी में पदोन्नति अथवा नए अनुबंध की प्राप्ति के योग बनेंगे। धन भाव पर दृष्टि पारिवारिक माहौल सौहार्दपूर्ण रखेगी।
सिंह राशि- आपके मूलत्रिकोण में बृहस्पति का जाना भी वरदान की तरह ही है। आपकी बड़ी परेशानियां एवं स्वास्थ्य समस्याओं में कमी आएगी, शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता मिलेगी। किसी भी प्रतियोगिता में बैठना चाहें तो अवसर अच्छा है लाभ उठायें। भाग्य भाव पर अमृत दृष्टि भाग्यवृद्धि एवं विदेश यात्रा के योग बनाएगी, तीर्थयात्रा का भी आनंद लेंगे लग्न पर भी दृष्टि स्वास्थ्य के लिए अनुकूल है।
कन्या राशि- कन्या राशि वालों के लिए चतुर्थभाव में बृहस्पति का जाना मकान वाहन के क्रय का योग तो बनाएगा ही साथ ही समाज में मान-प्रतिष्ठा की भी वृद्धि होगी। गुरु की आयुभाव पर दृष्टि स्वास्थ्य के लिए अच्छी रहेगी। कर्मभाव पर दृष्टि कार्यक्षेत्र में उन्नति के दरवाजे खोल देगी, अतः अपनी ऊर्जा शक्ति का भरपूर उपयोग करते हुए कार्य में लगे रहेगें तो कामयाबियों के चरम तक पहुंचेंगे।
तुला राशि- आपके पराक्रम भाव में बृहस्पति का जाना और भाग्यभाव पर मारक दृष्टि डालना थोड़ा सा कार्य में रुकावट के साथ धीरे धीरे सफल बनाएगा। नौकरी में पदोन्नति अथवा नए अनुबंध की प्राप्ति भी होगी किन्तु थोड़ा विलम्ब से। किंतु व्यापार पर दृष्टि से उत्तम रहेगा। दांपत्य जीवन में मधुरता, और शादी विवाह के योग बनेंगे। आय भाव में इनकी की अमृत दृष्टि लाभ के मार्ग प्रशस्त करेगी।
वृश्चिक राशि- आपके धनभाव में बृहस्पति का अपनी ही राशि धनु में आना आकस्मिक धन प्राप्ति के योग तो बनाएगा ही साथ ही किसी महंगी वस्तु का क्रय भी कराएगा। इनकी शत्रु भाव, एवं आयु भाव दृष्टि स्वास्थ्य के लिए थोड़ा सा प्रतिकूल हो सकती है इसका ध्यान रखें। कर्मभाव पर अमृतदृष्टि से कार्यक्षेत्र के विस्तार के लिए बेहतर है आय के साधन बढ़ेंगे, गया हुआ धन वापस आने के संकेत।
धनु राशि- बृहस्पति का अपनी ही राशि में आकर ‘हंस’ योग का निर्माण करना अति शुभ रहेगा। कार्यक्षेत्र का विस्तार तो होगा ही अधिकार भी बढ़ेगा। नौकरी में पदोन्नति एवं सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। संतान संबंधी चिंता से भी मुक्ति मिलेगी, शिक्षा में लाभ, विवाह के योग एवं भाग्य वृद्धि की दृष्टि से यह योग अति उत्तम है। देशाटन का आनंद भी लेंगे और मांगलिक कार्यों को संपन्न करायेंगे।
मकर राशि- आपके लिए वृहस्पति का व्यय भाव में जाना मिलाजुला फल देगा, जहां एक ओर आप अधिक खर्च से परेशान रहेंगे वहीं दूसरी ओर बड़े सामाजिक कार्यों को करके यश भी प्राप्त करेंगे। गुरु का व्यय भाव में स्वग्रही होना आने वाली परेशानियों से मुक्ति के द्वार भी खोलेगा, अतः आपको संयम बनाए रखना है। चतुर्थभाव पर अमृतदृष्टि से मकान वाहन के क्रय का योग बनेगा, मानसिक सुख मिलेगा।
कुंभ राशि- आपके लाभभाव में गुरु का जाना कई मायनों में बेहतरीन रहेगा किंतु, ध्यान रखें यदि ईमानदारी से कमाया गया धन नहीं रहेगा तो वही धन दोगुना होकर वापस चला जाएगा अतः नेक नियति का विशेष ध्यान रखें। विद्यार्थी वर्ग के लिए पंचमभाव पर दृष्टि शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर रहेगी पढ़ाई में आलस्य न करें। सप्तम भाव पर अमृत दृष्टि दांपत्य जीवन में मधुरता कार्य व्यापार में उन्नति के योग बनाएगी।
मीन राशि- आपके कर्मभाव में गुरु का जाना अत्यंत शुभ फलदाई योग बनाएगा, जिसके फलस्वरूप कार्य व्यापार में उन्नति के मार्ग खुलेंगे। उच्चाधिकारियों से मधुर संबंध बनेंगे। धनभाव पर बृहस्पति की अमृतदृष्टि आर्थिक तंगी तो दूर करेगी ही किसी महंगी वस्तु का क्रय भी कर सकते हैं। चतुर्थभाव पर मारकदृष्टि कुछ मानसिक परेशानी बढ़ा सकती है, माता पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें, गुप्त शत्रुओं से बचें।