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ज्योतिष डेस्क : सुख, धन और समृद्धि का त्योहार है ‘धनतेरस’। इस दिन ‘धनवंतरि’ की पूजा की जाती है। ‘धनवंतरि’ चिकित्सा के देवता भी हैं इसलिए उनसे अच्छे स्वास्थ्य की भी कामना की जाती है। इस बार ये त्योहार 5 नवंबर को पड़ रहा है यही नहीं इस दिन कुबेर की भी पूजा होती है इसलिए इस दिन लोग घरों के लिए बर्तन और सोना-चांदी खरीदते हैं। जानिए ‘धनवंतरि’ की कहानी पुराणों के मुताबिक जब देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन हुआ तब समुद्र से चौदह रत्न निकले थे, जिसमें से एक रत्न अमृत था। भगवान विष्णु देवताओं को अमर करने के लिए ‘धनवंतरि’ के रूप में प्रकट होकर कलश में अमृत लेकर समुद्र से निकले थे। इसलिए ‘धनवंतरि’ की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। ‘धनवंतरि’ ने ही सुश्रुत संहिता लिखी थी, ये ही सुश्रुत विश्व के पहले सर्जन (शल्य चिकित्सक) थे।
कहते हैं कि शंकर ने विषपान किया, ‘धनवंतरि’ ने अमृत प्रदान किया और इस प्रकार काशी कालजयी नगरी बन गयी। धनतेरस के दिन ‘धनवंतरि’ की पूजा करने के बाद इंसान की हर कामना पूरी होती है और उसे शुभ लाभ मिलता है। स्वस्थ, सुखी और धनवान धनतेरस के दिन लोग घरेलू बर्तन खरीदते हैं, वैसे इस दिन चांदी खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि चांदी चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है और चन्द्रमा शीतलता का मानक है, इसलिए चांदी खरीदने से मन में संतोष रूपी धन का वास होता है क्योंकि जिसके पास संतोष है वो ही सही मायने में स्वस्थ, सुखी और धनवान है।