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5 बार सांसद, 4 बार विधायक और मंत्री रहे बागुन सुम्ब्रुई ने की थी 58 शादियां, याद नहीं सभी पत्नियों के नाम


रांची : झारखंड के पहले विधानसभा उपाध्यक्ष बनने का गौरव प्राप्त कर चुके बागुन सुम्ब्रुई का पिछले दिनों 96 साल की उम्र में निधन हो गया। बागुन हर मौसम में, चाहे गर्मी, सर्दी या बरसात, बस एक धोती लपेटकर ही रहते थे। लोग उनकी सादगी के कायल थे। 5 बार सांसद, 4 बार विधायक और मंत्री रहे बागुन सुम्ब्रुई के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 58 शादियां की। आलम ये है कि उम्र के इस पड़ाव पर वह कई बीवियों के नाम तक भूल चुके थे। बागुन के लिए भगवान कृष्ण प्रेरणा का स्त्रोत थे। उनका कहना था कि उन्होंने भी कृष्ण की तरह वंचित-शोषित महिलाओं की मदद करने के लिए उन्हें अपना नाम दिया।

बागुन कहते थे कि वह अपने जीवनकाल में कभी किसी महिला के पीछे नहीं भागे। जो उनसे शादी करना चाहती थीं, वह खुद उनके पास आईं। वह उन्हें निराश नहीं करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने इतनी शादियां की थी। अपनी शादियों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा था ‘पहले यहां ‘हाट’ या ‘मेले’ लगा करते थे। इनमें शामिल होने के लिए आने वाले कारोबारी आदिवासी लड़कियों का शोषण करते थे। इसकी वजह से कई लड़कियां प्रेग्नेंट हो जाती थीं। बहुत झमेला होता था। ऐसी लड़कियों को मैंने अपना नाम देना शुरू किया और उनको सहारा दिया। कई लड़कियों ने उन्हें पति बताकर नौकरी की। जब उनको कोई साथी मिला तो वो उन्हें छोडक़र भी चली गईं। उनकी जिंदगी में कई लड़कियां आईं और गईं। इतना ही वे कहते थे कि कितनों का नाम याद रखें। मुझे न किसी के आने पर ऐतराज था और न ही किसी के जाने पर।’ वे कहते थे कि आदिवासी महिलाओं के शादी के प्रस्ताव उन्हें तब आए जब वह सांसद चुने जाने लगे। अपने स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव के चलते बागुन ने 2004 में जीत दर्ज करने के बाद कोई चुनाव नहीं लड़ा। बागुन सुम्ब्रुई पिछले महीने 22 जून को 96 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।

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