देहरादून (गौरव ममगाईं)। उत्तराखंड में सड़क-दुर्घटनाएं आज चिंता का कारण बनती जा रही हैं। शांतिप्रिय इस प्रदेश में बेलगाम वाहन लोगों की जान के लिए खतरा बन रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्ष 2023 में उत्तराखंड में कुल 1687 सड़क हादसे हुए, जिनमें 1050 मौतें दर्ज की गई हैं। यानी सड़क हादसे में औसतन हर दिन 3 मौत हो रही हैं। इन आंकड़ों ने हर किसी को चौंका दिया है। ये आंकड़ें उत्तराखंड ट्रैफिक पुलिस की ओर से जारी किये गये हैं।
सड़क हादसों में जिलों की बात करें तो सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं ऊधमसिंहनगर में हुई हैं, यहां कुल 422 हादसों में 298 मौतें हुई हैं। दूसरे नंबर पर हरिद्वार है, जहां 412 हादसों में 275 मौतें दर्ज की गई। तीसरे नंबर देहरादून है जहां 481 सड़क हादसों में 201 मौतें हुई। जाहिर है कि इन आंकड़ों ने उत्तराखंड पुलिस की चिंता बढ़ा दी है।
क्या हैं हादसों के मुख्य कारणः
सड़क हादसों का मुख्य कारण ड्रंक एंड ड्राइव, ओवरस्पीड है। इनमें दोपहिया वाहन व चारपहिया वाहन दोनों ही शामिल हैं। इसके अलावा यात्री वाहनों में ओवरलोडिंग व मोड़ पर ओवरस्पीड के कारण अनियंत्रित होना भी है। ये बेलगाम वाहन चालक खुद की जान तो जोखिम में डालते ही हैं, साथ में राह चलते पैदल राहगीरों व वाहनों के लिए भी खतरा बन रहे हैं।
उत्तराखंड पुलिस ने कसी कमर, उठाये कदमः
उत्तराखंड पुलिस की कमान अब नये कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार ने संभाली है। उन्होंने आते ही ट्रैफिक को सुधारने की दिशा में कई कदम उठाने शुरू किये हैं। इस कड़ी में ड्रोन से ट्रैफिक की निगरानी शुरू की गई है। देहरादून शहर के मुख्य स्थानों पर ओवरस्पीड चेकिंग मशीनें लगाई गई हैं, जिससे ऑटो चालान किये जा रहे हैं।
जाहिर है कि सड़क दुर्घटनाओं की यह स्थिति उत्तराखंड में गंभीर समस्या बन रहा है। यह प्रदेशवासियों की सुरक्षा का मुद्दा तो है ही, पुलिस के लिए कानून व्यवस्था के लिए भी चुनौती बन रहा है। उत्तराखंड पुलिस के लिए भी सड़क हादसों को नियंत्रित करना किसी चुनौती से कम नहीं रहने वाला है।