नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली गाजीपुर लैंडफिल साइट में लगी आग मामले में दिल्ली सरकार ने एमसीडी की लापरवाही बताते हुए 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि, डीपीसीसी की टीम ने कल रिपोर्ट सबमिट की थी लेकिन वह छोटी रिपोर्ट थी। इसके बाद कल दोबारा डिटेल रिपोर्ट सबमिट करने के निर्देश दिए गए। डीपीसीसी ने आग लगने के कारणों की डिटेल रिपोर्ट सबमिट की है। जिसमें एमसीडी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के जिन मानदंडों को वहां पर पालन करने की जरूरत है, उसमें बड़े पैमाने पर लापरवाही देखी गई।
गोपाल राय के अनुसार, एमसीडी की लापरवाही से गाजीपुर लैंडफिल साइट में आग लगी। केजरीवाल सरकार ने 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। घटना के वक्त जो कर्मचारी-अधिकारी ऑन ड्यूटी पर थे। उनकी लापरवाही को देखते उनपर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। डीपीसीसी ने आज आग लगने के कारणों की डिटेल रिपोर्ट सबमिट की, जिसमें एमसीडी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के मानदंडों में बड़े पैमाने पर लापरवाही देखी गई।
लैंडफिल साइट पर 25 के बजाए केवल 21 ट्रोमेल ही काम करते पाए गए। एंटी स्मॉग गन भी काम नहीं कर रहा था। सीपीसीबी ने निर्देश दिया कि लैंडफिल साइट के चारों तरफ बाउंड्री की जाए। लेकिन अभी तक बाउंड्री का काम पूरा नहीं हुआ है। दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण विभाग, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, डीडीए, एमसीडी, फायर, एनडीएमसी सहित अन्य विभागों की संयुक्त बैठक 4 अप्रैल को बुलाई गई है, जिससे इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
इसके अलावा दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति की चेयरमैन आतिशी ने कहा कि, दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति ने ईडीएमसी आयुक्त को यह पूछने के लिए तलब किया है कि गाजीपुर लैंडफिल साइट को साफ करने और आग को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। एमसीडी की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैए का खामियाजा लोग भुगत रहे हैं।
दरअसल कूड़े के ढ़ेर में आग लगने के कारण स्थानीय निवासियों की आफत आ गई है, धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में समस्या भी खड़ी हो गई है।