500 पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक, जहरीली हवा से इमरजेंसी की तरफ बढ़ रही दिल्ली
नई दिल्ली । Pollution in Delhi and NCR: पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली और दिवाली के रोज जमकर फोड़े गए पटाखों की वजह से दिल्ली-एनसीआर (National Capital Region) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। बुधवार को सुबह दिल्ली के लोधी रोड इलाके में पीएम 2.5 का स्तर 500 (खतरनाक) और पीएम 10 का स्तर 379 मिला जिसे खराब श्रेणी में माना जाता है और यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक है।
बता दें कि बता दें कि वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक, 0-50 की बीच अच्छा तो 51-100 संतोषजनक, जबकि 101-200 मध्यम और 201 से 300 को खराब माना जाता है। वहीं, 301-400 तक बेहद खराब और 401 से 500 के बीच खतरनाक माना जाता है। इस लिहाज से भी दिल्ली की हवा बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। वहीं, विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली के साथ एनसीआर भी इमरजेंसी की ओर बढ़ रहा है।
इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन में दिल्ली-एनसीआर का एयर इंडेक्स खतरनाक श्रेणी में दर्ज हुआ। सोमवार को यह बहुत खराब श्रेणी में था। इसमें गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हालत सबसे ज्यादा खराब है। सोमवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में 368 दर्ज किया गया था। मंगलवार को यह 32 प्वाइंट की वृद्धि के साथ 400 तक पहुंच गया, जो कि खतरनाक श्रेणी में आता है। वहीं, देश में सबसे अधिक प्रदूषि शहर गाजियाबाद रहा। यहां एयर इंडेक्स 446 दर्ज हुआ, जबकि नोएडा में यह 439 दर्ज हुआ है।
मौसम विभाग के वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण प्रदूषक कण वहां से हवा के साथ दिल्ली पहुंच रहे हैं। रविवार को दिवाली पर पटाखे जलाने से भी वायु प्रदूषण में वृद्धि दर्ज की गई है। मंगलवार को पटाखों के धुएं के साथ पराली का धुआं मिलने से प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। उन्होंने बताया कि दिन में कुछ जगहों पर सिर्फ चार से आठ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। हवा की गति कम होने के चलते प्रदूषक कण वातावरण में एक ही जगह पर ठहर गए। इससे दिल्ली-एनसीआर में दिनभर स्मॉग की चादर छाई रही।
31 अक्टूबर से प्रदूषण में सुधार की उम्मीद
वायु प्रदूषण से राहत मिलने को लेकर विशेषज्ञों ने अलग-अलग राय दी है। मौसम विज्ञानी कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि 31 अक्टूबर की शाम से हवा की गति बढ़ेगी। इससे वायु प्रदूषण में हल्का सुधार होने की संभावना है। इसके बाद नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर में पहुंचेगा, जिसकी वजह से दिल्ली में हवा 15 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती है। इस गति से हवा के चलने पर दिल्ली के वातावरण में मौजूद प्रदूषक कण एक जगह से आगे बढ़ जाएंगे। इससे दो से तीन नवंबर तक बढ़ते हुए वायु प्रदूषण से काफी हद तक राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने पर ही प्रदूषक कण वातावरण से हटेंगे और उसके बाद ही दिल्ली में स्मॉग की चादर पूरी तरह से साफ होगी।
वहीं, स्काईमेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत का कहना है कि आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण में बहुत ज्यादा सुधार की उम्मीद कम ही है। उन्होंने कहा कि सर्दी की वजह से हवा की गति तेज होने के बाद भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी से नीचे आकर बहुत खराब व खराब श्रेणी के बीच रहेगा। सर्दी बढ़ने के साथ ही इसमें वृद्धि भी होती रहेगी।