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500 साल बाद बन रहा है ग्रह और नक्षत्रों का ऐसा संयोग, जानिए इसका सभी 12 राशियों पर प्रभाव

यह ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। साल का पहला सूर्य ग्रहण आर्द्रा नक्षत्र और मिथुन राशि में होगा। इसे चूड़ामणि सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है । इससे पहले 5 जून को उपच्छाया चंद्रग्रहण लगा था। इस चूड़ामणि सूर्य ग्रहण का सभी 12 चंद्र राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा। आइए जानते हैं।

मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए यह ग्रहण बहुत सकारात्मक है। मान-सम्मान की वृद्धि होगी। धन लाभ भी है। अपने व्यवहार को मीठा बनाएं। यात्रा के समय सावधान रहें और नया अनुबन्ध हस्ताक्षर करने से पहले सजग रहें। वाहन चलाते वक़्त सावधान रहें। हनुमान चालीसा व सुन्दरगान का पाठ करें या स्कन्द षष्टी कवच का जाप करें, सुब्रमण्यम स्वामी की पूजा करें।

वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए आर्थिक समस्या आ सकती है। परिवार में वैमनस्य की स्थिति बढ़ सकती है। भोजन का विशेष ख्याल रखें। गुरु और श्री महालक्ष्मी की साधना करें। वाणी पर संयम रखें। अन्न दान करना फायदेमंद रहेगा। ललिता सहस्रनाम व देवी कवच का पाठ भी कर सकते हैं।

मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। मन में संशय की स्थिति रह सकती है। जितना हो सके ध्यान, जप, साधना करें, आसन करें। किसी भी व्यक्ति पर जल्दी विश्वास न करें।विष्णु सहस्त्रनाम, ॐ नमो नारायणा, ध्यान, क्रिया, साधना करते हैं, तो लाभ हो सकता है।

कर्क राशि
कर्क राशि भी थोड़ी सी नकारात्मकता की चपेट में आ गयी है। आर्थिंक नुकसान देखने को मिलेगा, दुर्घटना का सामना करना पड़ सकता है। नए मित्र ना बनाएं, चाहे व्यापारी मित्र हों या सामजिक मित्र। स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। विदेश में रहने वाले लोगों के लिए ख़ास ध्यान देने की आवश्यकता है। दान करें, ख़ास तौर पर जूते दान करें या कृत्रिम पैर, तो ग्रहण का प्रभाव कम हो सकता है।

सिंह राशि
सिंह राशि सूर्य की ही राशि है। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। विदेश से कुछ धन आते हुए दिखता है। धन कमाने की लालसा इतनी नहीं बढ़े कि आप कुछ गलत निर्णय ले लें। संतुलन बनाये रखें। संतान की तरफ से काफी अच्छे समाचार मिल सकते है। मित्रों के साथ मधुर संवाद बनाये रखें। हो सके तो ऑनलाइन सत्संग में शामिल हों। अगर माँ का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता तो इस वक़्त बहुत ध्यान देने की जरूरत है। वाहन सावधानी से चलाएं।

कन्या राशि
कन्या राशि वालों को अपने कार्य स्थल पर बहुत सजग रहना पड़ेगा। कर्म को सुधारने के लिए आप हर रोज़ विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें या सुनें। कर्म योग एक बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। भगवद्गीता का दूसरा और चौथा अध्याय पढ़ें और समझें। जीवन में उतारने की कोशिश करें।

तुला राशि
तुला राशि का संबंध नव-भाव से है, जो धर्म और कानून को भी प्रस्तुत करता है। कानून तोड़ने के मार्ग पर न चलें। बिना हेलमेट के वाहन न चलाएं। माता-पिता से नियमित सम्पर्क में रहिए, उनके आशीर्वाद से ही आगे बढ़ें। धर्म-कर्म से जुड़े हुए विषय पर ज्यादा बल दें। जॉब में है तो वरिष्ठ अधिकारी के साथ संबंध बना के चलें। भावुकता में कोई निर्णय न लें। रोज पिता का आशीर्वाद ले। उनके साथ कोई विवाद न करें। गुरू की बात सुनें। उनके ज्ञान में रहे।

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि यूं तो सूर्य की मित्र राशि है पर गतिविधि आठवें भाव में हो रही है। शरीर के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। मन बार-बार नकारात्मकता में जा सकता है। कर्म क्षेत्र में समस्या आ सकती है। शोधकार्य व ज्योतिष पढ़ने के लिए, ध्यान के लिए यह अच्छा समय है। मौन धारण करना, ध्यान, समाधि में रहना लाभदायक है। बदलाव का समय है। परिवर्तन कभी थोड़ा तकलीफ़ भी देता है। पुराने जन्मों का कर्म सामने आने वाला है। आध्यात्मिक रूप से मजबूत रहें। पेट के निचले हिस्से पर कोई परेशानी आती है,तो तुरंत चिकित्सीय सहायता लें।

धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए ग्रहण उनके सप्तम भाग में होने वाला है,तो निश्चित रूप से हर तरह की साझेदारी में सतर्क रहें। समय बहुत अच्छा नहीं है। थोड़ा सा भ्रम स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर भी है। बड़ा बिजनेस करते हैं,तो अपने पार्टनर्स के साथ स्पष्टता से बात करें। जीवन साथी के लिए भी ऐसा ही है। उनकी जरूरतों व भावनाओं पर ध्यान दें। भजन कीर्तन करना बहुत सहायक सिद्ध होगा। दिन में दो बार ध्यान करें। माता लक्ष्मी या देवी के किसी भी स्वरूप की पूजा करना व सभी स्त्रियों को आदर करना इन दिनों विशेष महत्वपूर्ण रहेगा। इस समय सूर्य नमस्कार बहुत फायदेमंद होगा।

मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए शुभ समय है। नई नौकरी मिल सकती है। नया व्यवसाय आरंभ कर सकते हैं, किन्तु कोई ऋण न लें। पुराने वैमनस्य को दूर करने का समय है। सकारात्मक बने रहें। मकर राशि छठे स्थान में है। स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

कुंभ राशि
कुम्भ राशि पंचम स्थान में है। स्वास्थ्य व परिवार के लिए समय शुभ नहीं है। बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है। मंत्र साधना के लिए उत्तम समय है। पंचम स्थान सन्तान कारक है, होने वाली सन्तान का ध्यान रखें। गुरु पूजा करें। तमोगुणी साधना न करें।

मीन राशि
मीन राशि चतुर्थ स्थान में है। मन उदास रह सकता है। माँ के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। अप्रैल तक जायदाद न खरीदें। नया वाहन न लें। संगीत सुनें, शिव की पूजा करें। सुदर्शन क्रिया करें।

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