महाराष्ट्र: MSRTC की 5,000 पुरानी बसों का होगा कायापलट, एनर्जी एफिशिएंट और इको फ्रेंडली बसों की होगी एंट्री
मुंबई. एसटी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक ओर कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र की सरकार झुकने के लिए तैयार नहीं है। बता दें कि राज्य में एसटी कर्मचारियों की हड़ताल 28 अक्टूबर से चल रही है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
शुक्रवार को राज्य सरकार ने अपने बजट योजना में महाराष्ट्र के लिए 3,000 पर्यावरण के अनुकूल बसेस लाने की घोषणा की है और यह बसेस महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम को दी जाएंगी। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो आने वाले दो वर्षों में MSRTC की 5,000 से अधिक पुरानी बसों को ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बसों से बदल दिया जाएगा। वर्तमान में MSRTC के बेड़े में लगभग 16,500 बसें हैं।
पिछले बजट 2021-2022 में 1500 इको-फ्रेंडली और ऊर्जा कुशल बसों की खरीद की भी घोषणा की गई थी। जबकि 2020-2021 में लगभग 700 ऐसी बसों को खरीदने की घोषणा की गई थी।
इसी बीच, महाराष्ट्र सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, “कोरोना महामारी के चलते इन बसों की खरीद प्रक्रिया में देरी हुई थी। लेकिन अब 700 बसों की खरीद के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है, जो इस साल के अंत तक शुरू हो जाएगी।”
अधिकारी ने कहा, “पिछले साल के बजट में घोषित 1,500 बसों की खरीद के लिए हमें इसके अंत तक फंड मिलने की भी उम्मीद है। एक बार हमें फंड मिला तो 1500 और अत्याधुनिक ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बसों की खरीद की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी।”
MSRTC के अधिकारी ने कहा कि, “MSRTC प्रशासन ने स्वीकार किया कि महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) बस स्टैंड पर सुरक्षा और निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता है, जो कि जर्जर स्थिति में हैं। वहीं, हम राज्य परिवहन का उपयोग करने वाले यात्रियों को केवल सुरक्षा ही नहीं बल्कि बेहतर सेवाएं भी देना चाहते हैं।”
गौरतलब है कि नवंबर 2021 में गठित तीन सदस्यीय समिति ने न केवल MSRTC के लिए एक स्थायी मार्ग खोजने के लिए राज्य सरकार में राज्य परिवहन निगम के विलय को खारिज कर दिया, बल्कि MSRTC को पुनर्जीवित करने की योजना भी बनाई।
वहीं, समिति ने सुझाव दिया कि, “ईंधन से चलने वाले बेड़े को कम करने और धीरे-धीरे ई-बसेस लाने के लिए और बस स्टैंड को विकसित करने में और कुछ समय लगेगा।” वर्तमान में हड़ताल के चलते MSRTC लगभग10 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।