50000 मौतों की जिम्मेदार है ये कातिल हसीना को, जिसने मौत से पहले दिया फ्लाईंग किस
औरतों के हुस्न की चर्चा और कातिलाना अंदाज की चर्चा अक्सर की जाती है.. यहां तक की खूबसूरती को तो बला या आफत ही कह दिया जाता है। लेकिन वास्तव में खूबसूरती कितनी खतरनाक हो सकती है इसका बड़ा उदाहरण इतिहास की एक घटना में दर्ज है, जहां एक औरत एक दो नही बल्कि पूरे 50 हजार लोगों के मौत की वजह बनी और इस जुर्म में जब उसे सजाएमौत मिली तो भी उसे मौत का कोइ खौफ नही था ..बल्कि उसने उसने अपने सामने गोलियां दागने को तैयार जवानों को आंखों में आंखें डालकर फ्लाइंग किस किया था।
पचास हजार लोगों की मौत का जिम्मेदार थी ये खूबसूरत महिला
ये थी दुनिया की सबसे मशहूर जासूस मार्गरेट गीर्तोईदा जेले … एक महिला जासूस जिसने पुरुषों को अपने हुस्न का दीवाना बनाकर मौत के घाट उतारा था। जेले को करीब पचास हजार लोगों की मौत का जिम्मेदार ठहराया गया था। इसके अलावा उस पर जर्मनी के लिए जासूसी करने का भी आरोप था।
दरअसल जेले या माता हरी एक एक बेहतरीन डांसर थी। फर्स्ट वर्ल्ड वार के दौरान वह पेरिस में एक डांसर और स्ट्रिपर के रूप में मशहूर थीं। उनके डांस को देखने के लिए राजनीति और सेना के बड़े नामी लोग आया करते थे। ऐसे में माता हारी के कई प्रभावशाली व्यक्तियों से शारीरिक संबंध भी थे। साथ ही यह वह दौर था जब माता हारी ने एक देश की सीक्रेट इफोर्मेशन को इधर से उधर करने का काम शुरू किया था। अपनी अदाओं के जरिए उसके लिए यह काम धीरे-धीरे आसान होता चला गया। जर्मन के प्रिंस समेत कई प्रभावशाली लोगों के साथ माता हारी के संबंध थे।
माता हरी की शादी इंडोनेशिया में तैनात नीदरलैंड की शाही सेना के एक अधिकारी से हुई थी। शादी के बाद इन दोनों ने कुछ समय जावा में गुजारा। यहां पर वह एक डांस कंपनी में शामिल हो गईं और अपना एक नया नाम रखा माता हारी। 1907 में हारी ने नीदरलैंड्स लौटने के बाद अपने पति को तलाक दे दिया और पेशेवर डांसर के रूप में पेरिस चली गईं।हां पर उसकी मादक अदाओं के किस्से हर किसी की जुबान पर थे। इसी दौरान फ्रांस की सरकार ने माता हारी को पैसों के बदले जासूसी करने के लिए राजी किया था।
फर्स्ट वर्ल्ड वार में फ्रांस को दी थी जर्मनी की सीक्रेट इंफोर्मेशन
फर्स्ट वर्ल्ड वार में हारी के जरिए फ्रांस ने जर्मनी की कई सीक्रेट इंफोर्मेशन को हासिल किया था। लेकिन फिर यहां से ही हारी की पैसे की भूख इस कदर बढ़ी तो उसने जासूसी के पेशे में डबल स्टेंडर्ड का गेम शुरू कर दिया। एक तरफ जहां वह फ्रांस की खबर जर्मनी को देती वहीं जर्मनी की खबर फ्रांस को देती थी। इसकी जानकारी बाद में फ्रांस के सीक्रेटडिपार्टमेंट लग गई।
डबल एजेंट होने के आरोप में मिली सजाए मौत
सन् 1917 में फ्रांस में माता हारी को अरेस्ट किया गया.. यहां पर उसका कोई झूठ नहीं चल सका। फ्रांसीसी सेना ने उसके खिलाफ जो सुबूत पेश किए उसमें स्पेन की राजधानी मैड्रिड से जर्मनी की राजधानी बर्लिन भेजे जा रहे कुछ सीक्रेट्स भी थे। उसे 50 हजार लोगों के मौत का जिम्मेदार ठहराया गया और 15 सितंबर, 1917 में गोलियों से भूनकर मौत की सजा दी गई उस वक्त वह 41 वर्ष की थी। लेकिन मौत की सजा का माता हारी को खौफ तक नही था..कहा जाता है कि जब फायरिंग स्कड के सामने हारी को खड़ा किया गया तो उसको आंख बंद करने को कहा गया। लेकिन उसने ऐसा करने से न सिर्फ इंकार किया बल्कि उसने अपने सामने गोलियां दागने को तैयार जवानों को फ्लाइंग किस भी दिया।