50000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार बाजार से उधार लेगी
नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्रीय राजस्व संग्रह में लगातार कमी आने के कारण सरकार राजकोषीय घाटे का लक्ष्य शायद ही सीमित रख पाए। राजस्व में कमी होने के कारण सरकार बाजार से पचास हजार करोड़ की अतिरिक्त उधारी उठाने की संभावना पर गंभीरता से चर्चा कर रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बजट में चालू वित्त वर्ष के दौरान 5.80 लाख करोड़ की उधारी का अनुमान पेश किया गया था।
लेकिन राजस्व संग्रह घटने से अब सरकार को खर्च पूरे करने के लिए 50000 करोड़ रुपया बाजार से उठाना होगा। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार चालू साल में सरकार को कर राजस्व से 40 से 50 हजार करोड़ रुपए कम की आय होगी। प्रत्यक्ष कर संग्रह में 20,000 करोड़ रुपए की कमी की संभावना जताई जा रही है। वहीं वस्तु एवं सेवा कर के संग्रह में भी लगभग 30 हजार करोड़ रुपए सरकार को कम प्राप्त होंगे। ऐसी स्थिति में सरकार को प्रतिभूतियों के माध्यम से बाजार से लगभग 50 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेना पड़ेगा।