59 साल बाद महाशिवरात्रि पर बन रहा है विशेष संयोग
ज्योतिष : फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महादेव की आराधना का पर्व महाशिवरात्रि मनाया जाएगा। इस बार 59 साल बाद महाशिवरात्रि पर विशेष योग बन रहा है। इस दिन शनि और चंद्र मकर राशि, गुरु धनु राशि, बुध कुम्भ राशि और शुक्र मीन राशि में रहेंगे। यह योग साधना-सिद्धि के लिए खास है। इस दिन दान-पुण्य करने का भी विधान है, जो भी व्यक्ति भगवान शिव का पूरे श्रद्धा के साथ महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखकर पूजा-अर्चना करता है, उसे विशेष कृपा की प्राप्ति होती है। वैसे तो हर महीने में शिवरात्रि होती है, लेकिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के रूप में मनाते हैं। इससे पहले यह संयोग 1961 में बना था। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है। शिवरात्रि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भगवान का रुद्राभिषेक किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसी दिन शिवजी ने वैराग्य जीवन छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। शिव जो वैरागी थे, वह गृहस्थ बन गए।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन शिवजी पहली बार प्रकट हुए थे। शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में था। शिव महापुराण में छह द्रव्यों, दूध, योगर्ट, शहद, घी, गुड़ और पानी से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने का उल्लेख है। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन करना चाहिए। 21 फरवरी को शाम को 5.20 बजे से 22 फरवरी को शाम बजकर 2 मिनट तक रहेगा।