सॉफ्टवेयर अपडेट कर करोड़ों स्मार्टफोन्स पर एनेबल हो जाएगी 5G सर्विस
नई दिल्ली : दूरसंचार विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ फोन मेकर्स और टेलीकॉम प्रोवाइडर्स के बीच एक बैठक हुई. इस बैठक में टॉप हैंडसेट मेकर्स ने सरकार से कहा है कि वे तीन महीने के भीतर सॉफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से सभी 5G स्मार्टफोन पर 5जी सर्विस एनेबल कर देंगे. इस दौरान सरकारी अधिकारियों ने उन्हें टेस्टिंग और वैलिडेशन प्रोसेस में तेजी लाने और एक मॉनिटरिंग मैकानिज्म स्थापित करने के लिए कहा है.
बैठक के दौरान सीनियर इंडस्ट्री एग्जिक्यूटिव ने कहा कि तीन महीने के भीतर अधिकांश 5G स्मार्टफोन तैयार हो जाएंगे और उनके सॉफ्टवेयर अपडेट भी जारी कर दिए जाएंगे. बैठक में कुछ ब्रांडों ने कहा कि डिवाइस पर 5G नेटवर्क टेस्टिंग और वैलिडेशन का उद्देश्य कस्टमर सेटिसफिकेशन स्टैंडर्ड को पूरा करना है. इसलिए इसमें थोड़ा अधिक समय लगेगा.
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ब्रांडों द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण के से सहमत, लेकिन इसके प्रोग्रेस को तेज करने और उसकी मॉनिटरिंग करने की आवश्यकता है. बता दें कि इस बैठक में एक दर्जन से अधिक कंपनियों के अधिकारियों ने भाग लिया.
वहीं बैठक में शामिल हुए एक दूसरे एग्जिक्यूटिव ने कहा कि स्मार्टफोन मेकर्स ने सरकार को यह भी बताया कि लगभग 70-80 मिलियन डिवाइस पहले से ही 5G एनेबल हैं. और बाजार में पहले से ही 116 मोबाइल हैंडसेट मॉडल 5G रेडी हैं. उन्होंने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों ने सरकार को सूचित किया कि वे अपने 5G रोलआउट के साथ आगे बढ़ रही हैं. टेलीकॉम प्रोवाइडर्स रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने क्रमश: आठ और चार शहरों में 5जी सेवाएं शुरू कर दी हैं. फिर भी 5G-रेडी फोन रखने वाले कई स्मार्टफोन यूजर्स इन शहरों में 5G सेवाओं का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं.
बता दें कि सरकार ने अपने फर्मवेयर अपग्रेड को जारी करने के लिए स्मार्टफोन निर्माताओं की भागीदारी की मांग की थी, जो 5G डिवाइसों के लिए 5G नेटवर्क पर लैच करने के लिए आवश्यक हैं. सरकार ने यह भी मांग की कि टेलीकॉम हैंडसेट को स्टैंडअलोन या नॉन-स्टैंडअलोन नेटवर्क दोनों पर एक साथ 5 जी सेवाओं के लिए तैयार करना चाहिए. गौरतलब है कि Jio ने स्टैंडअलोन आर्किटेक्चर पर अपनी 5G सेवाओं का बीटा ट्रायल शुरू किया है, जबकि Airtel ने नॉन स्टैंडइलोन आर्किटेक्चर पर 5G सेवाओं को लॉन्च किया है.