6 जनवरी को लगेगा 2019 का पहला सूर्य ग्रहण, बन रहा है महा संयोग
New Year 2019 में कुल 5 ग्रहण पड़ेंगे, जिसमें 3 सूर्य और 2 चंद्र ग्रहण होंगे. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) 6 जनवरी को लगने वाला है. यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. साथ ही यह ग्रहण शनिश्चरी अमावस्या पर पड़ने वाला खण्डग्रास सूर्य ग्रहण होगा. सूर्य पर रविवार की सुबह को ग्रहण लगेगा. इसलिए सूर्य ग्रहण का बहुत बड़ा महत्व हो गया है. ग्रहण का उपाय करने से कारोबार में बरकत आएगी. जीवन में महा परिवर्तन होने की भी आशंका है.
इसे खंडग्रास सूर्य ग्रहण क्यों कहा गया है?
5 जनवरी शनिवार की शनिश्चरी अमावस्या पर पौष की अमावस्या महत्वपूर्ण मानी जाती है. भारतीय समय अनुसार शनिवार की देर रात के बाद सुबह 5 बजकर 04 मिनट पर ग्रहण शुरू होगा. 6 जनवरी रविवार को सुबह 9.18 बजे तक सूर्य ग्रहण रहेगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. लेकिन दुनिया के कुछ ख़ास हिस्से जैसे चीन, जापान, कोरिया, रूस और मंगोलिया में दिखाई देगा. ग्रहण के दौरान सूर्य का एक चौथाई टुकड़ा अंधेरे में काला हो जाएगा. लेकिन चन्द्रमा सूर्य का थोड़ा हिस्सा ही छिपा पाएगा. इसलिए इसे खंडग्रास सूर्य ग्रहण कहा गया है.
ग्रहण का महत्व-
2019 साल का पहला सूर्य ग्रहण एक महा संयोग बना है. यह लगभग 4 घंटे का लंबा ग्रहण है. साल 2019 में 5 ग्रहणों की सीरीज में यह पहला ग्रहण है. लेकिन यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, जिस कारण भारत में इसका सूतक भी नहीं लगेगा.
ग्रहण का सूतक और ग्रहण काल की अवधि-
खण्डग्रास सूर्यग्रहण का सूतक नहीं है. इसलिए कोई परहेज करने की जरूरत नहीं है. लेकिन ग्रहण समाप्ति काल तक पूजा, जाप, दान आदि करें.
ग्रहण आरम्भ- सुबह 5 बजकर 04 मिनट.
खग्रास मध्य- सुबह 7 बजकर 11 मिनट.
खग्रास ग्रहण समाप्त- सुबह 9 बजकर 18 मिनट.
अमावस्या पर ग्रहण पड़ने का असर क्या होगा?
अमावस्या पर ग्रहण लगने की वजह से पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदा संकट आ सकती है. ठंड का प्रकोप बढ़ सकता है. बर्फीला तूफ़ान आ सकता है. भारी बर्फबारी होने की संभावना है. खण्डग्रास सूर्य ग्रहण का अशुभ और शुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा. ग्रहण के दौरान सूर्य धनु राशि और शुक्र के पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में होगा. सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के साथ 4 ग्रह योग बन रहे हैं. यानी सूर्य, चन्द्रमा, बुध और शनि साथ होंगे.
सूर्य ग्रहण रविवार को किन जगहों में दिखाई देगा?
यह खण्डग्रास सूर्य ग्रहण मध्य पूर्वी चीन, जापान, कोरिया, रूस, मंगोलिया और प्रशांत महासागर में दिखेगा. ग्रह नक्षत्रों के इस अद्भुत संयोग से ग्रहण का सभी राशियों को लाभ मिलेगा. लेकिन सभी को एक ख़ास स्नान करना पड़ेगा. इसके लिए किसी पवित्र नदी, तलाब या नहर में स्नान करें. गेहूं, शहद, गुड़, केले, सेब, चीकू और चने की दाल दान करें.