6 माह में चौथी बार किसानों ने किया दिल्ली पर आक्रमण, जानिए क्या हैं मांगें
अपनी कई मांगों को लेकर किसान क्रांति यात्रा आज दिल्ली पहुंच रही है. किसान क्रांति यात्रा मंगलवार को दिल्ली से सटे साहिबाबाद पहुंच गई. आज इनके दिल्ली में प्रवेश करने की तैयारी है. यात्रा के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो, इसलिए भारी मात्रा में जगह-जगह पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
किसानों की यात्रा 23 सितंबर को हरिद्वार से शुरू हुई और 2 अक्टूबर को दिल्ली स्थित राजघाट पहुंचेगी. यहां से संसद तक विरोध मार्च निकालने की योजना है. किसानों की कई मांगें हैं जिनमें बिजली के बढ़े दाम घटाने और पूर्ण कर्जमाफी सबसे अहम है.
किसान अपनी कई मांगों को लेकर पिछले 6 महीने में चौथी बार दिल्ली कूच कर रहे हैं. किसानों की मांगों में यह भी शामिल है कि किसानों के लिए न्यूनतम आय तय की जाए, 60 साल की आयु के बाद किसान को 5,000 रुपए प्रति माह पेंशन दी जाए. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव किया जाए. योजना का लाभ कंपनियों के बदले किसानों को दी जाए.
अन्य मांगों में यह भी शामिल है कि सरकार सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त में उपलब्ध कराए. किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज लोन दिया जाए. महिला किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड योजना अलग से बनाने और आवारा पशुओं से किसानों के फसल को बचाने के इंतजाम की मांग उठाई गई है.
हरिद्वार से आ रहे इन किसानों को दिल्ली में दाखिल होने की इजाजत नहीं दी गई है, बावजूद इसके किसान अपनी जिद पर अड़े हैं. यात्रा शुरू होने से पहले हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ में किसानों का स्वागत किया गया. योगगुरु स्वामी रामदेव ने किसान संगठनों से मुलाकात की और उन्हें शुभकामनाएं दी.
कर्जमाफी और बिजली बिल के दाम करने जैसी मांगों को लेकर किसान क्रांति पदयात्रा 23 सितंबर को हरिद्वार से आरंभ हुई थी. जिसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों से गुजरते हुए किसान सोमवार (1 अक्टूबर) को गाजियाबाद तक पहुंच गए. जहां इन किसानों को रोक दिया गया.
गाजियाबाद से दिल्ली में दाखिल होने वाले रास्ते को भी डाइवर्ट किया गया. साथ ही साथ दिल्ली से कौशाम्बी और वैशाली की तरफ जाने वाले रास्ते को भी डाइवर्ट किया गया. हरिद्वार से चली किसान क्रांति यात्रा साहिबाबाद पहुंच गई है. इस दौरान हजारों की संख्या में किसानों ने जीटी रोड को पूरी तरह जाम कर दिया दिल्ली के लिए कूच करने लगे.