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6 सितम्बर को महालक्ष्मी व्रत, हर तरह की सम्पत्ति प्राप्त करने का उत्तम समय

ज्योतिष : महालक्ष्मी माता का व्रत 6 सितम्बर 2019 को रखा जाएगा। महालक्ष्मी व्रत में माता लक्ष्मी 16 दिनों तक पूजा करने का विधान है। महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन शुरु होता है। इसी दिन राधा अष्टमी का पर्व भी मनाया जाता है। इसके बाद यह व्रत अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को समाप्त होता है।

पुराणों में इस व्रत का पुण्यफल बहुत ही अधिक कहा गया है। इस व्रत के फल से मनुष्य को हर प्रकार की संपत्ति प्राप्त होती है। महालक्ष्मी व्रत का उद्यापन करे बिना यह व्रत संपूर्ण नहीं माना जाता और न ही इस व्रत पूर्ण फल प्राप्त होते हैं। महालक्ष्मी व्रत के अंतिम दिन इस व्रत का उद्यापन किया जाता है। इस दिन प्रात: काल जल्दी उठकर साफ वस्त्र धारण करें। व्रत के अंतिम दिन उद्यापन के समय दो सूप लें। अगर आपको सूप नहीं मिल पाते तो आप दो नई स्टील की थाली भी ले सकते हैं। इसके बाद एक थाली में 16 श्रृंगार की वस्तुएं लेकर दूसरे सूप या थाली से ढक दें। 16 दीप जलाकर माता लक्ष्मी की पूजा व्रत में जिस प्रकार की थी उसी प्रकार से ही करें। इसके बाद श्रृंगार का सभी माता लक्ष्मी को स्पर्श कराकर दान करने का प्रण लें। शाम के समय चंद्रमा के निकलने पर एक स्टील के लोटे में जल लेकर तारों को अर्ध्य दें। इसके बाद माता लक्ष्मी को अपने घर आने का निमंत्रण दें। पति—पत्नी साथ में महालक्ष्मी माता को अपने घर आने का निमंत्रण देना फलदायी रहता है।

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