UP: 10 गांवों में मक्खियों की वजह से टूट रहे रिश्ते, मायके लौट गईं 6 बहुएं
लखनऊ : मक्खियां (fly) भी जिंदगी दुश्वार कर सकती हैं। एसएस राजामौली की फिल्म ‘मक्खी’ में एक मक्खी ने सुदीप की जिंदगी कैसे मुहाल कर दी थी? कुछ वैसा ही हाल यूपी (UP) के हरदोई (Hardoi) के अहिरोरी ब्लाक के दस गांवों (10 villages) का हो गया है। इनमें से एक गांव बढ़ईयनपुरवा में तो छह दुल्हनें मायके लौट गई हैं। वापस लाने गए पतियों से उन्होंने कहा है- या तो मक्खियों से भरा अपना गांव छोड़ दो या हमें छोड़ दो। इन गांवों के कुंवारों की शादियां नहीं हो रही हैं। परेशान लोग धरने-प्रदर्शन को मजबूर हैं।
बढ़ईयनपुरवा में पिछले एक साल में छह बहुएं ससुराल से चली गईं। शारदा की पत्नी एक साल में ही मायके चली गई। अलगाव की नौबत है। मूंगालाल की पत्नी शिवानी अब गांव में रहने को तैयार नहीं। साफ कह दिया कि गांव छोड़ कर कहीं और रहो तो साथ रहूंगी। मक्खियों से भरे इस गांव में नहीं। आजाद और विजय की पत्नियां भी मायके जा चुकी हैं।
यह गांव मक्खियों से परेशान
बढ़ईयनपुरवा, कुइयां, पट्टी, डही, सलेमपुर, फत्तेपुर, झालपुरवा, नयागांव, देवरिया, एकघरा
इस सहालग गांव में एक भी शादी नहीं हुई। कुछ रिश्ते आये तो मक्खियों ने जुड़ने नहीं दिए। अजय वर्मा और रामखिलावन की बेटियों, धर्मेंद्र की बहन के रिश्ते गोदभराई होते-होते टूट गए। धर्मेंद्र ने कहा- बहन सरिता को देखने वाले आए तो मिठाई रखते ही मक्खियां टूट पड़ीं। लड़के वाले मना कर गए।
यहां 2014 में कामर्शियल लेयर्स फार्म (पोल्ट्री फार्म) खुला था। शुरू में सब ठीक था पर पिछले तीन साल से पास के गांवों में मक्खियों की आबादी सैकड़ों गुना बढ़ गई। सबसे नजदीक होने के कारण बढ़ईयनपुरवा में जिंदगी दुश्वार हो गई है।
मक्खियां हटाने की मांग लेकर बढ़ईयनपुरवा के लोग गांव के बाहर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। गांव की महिलाएं दोपहर तक काम निपटाकर गांव के बाहर चल रहे धरने में पहुंच जाती हैं।
ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि विकास कुमार ने बताते हैं कि मक्खियां इतनी ज्यादा हो गई हैं कि शादियां दुश्वार है। पिछले साल तीन लड़के और चार लड़कियों की शादियां जैसे-तैसे हो गयी थीं। तीनों बहुएं चली गईं। बेटियों को ससुराल वाले मायके नहीं भेज रहे। इस बार अभी तक किसी की शादी तय तक नही हुई है। अहिरोरी सीएचसी अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि कई बार कैंप लगाए हैं। उपचार किया। मक्खी जनित किसी बीमारी का ट्रेंड नहीं मिला है।