लॉकडाउन में भी 6 लाख आदिवासी छात्रों को मिली छात्रवृत्ति…
नई दिल्ली। कोरोना लॉकडाउन के दौरान वैसे तो लगभग हर वर्ग किसी न किसी रूप में आर्थिक रूप से प्रभावित हुआ है, लेकिन जनजातीय मंत्रालय ने छात्रवृत्ति पाने वाले छात्रों का विशेष ख्याल रखा और लॉकडाउन के दौरान भी आदिवासी छात्रों के खाते में छात्रवृत्ति की नगद राशि स्थानांतरित की गई। पूरे लॉकडाउन कार्यकाल में कुल 760 करोड़ की छात्रवृत्ति राशि जारी की गई, जिससे करीब छह लाख छात्र लाभान्वित हुए। जनजातीय मंत्रालय आदिवासी छात्रों के लिए कुल पांच छात्रवृत्ति योजनाएं चलाता है और इन सभी की छात्रवृत्ति राशि डीबीटी यानी सीधे खाते में नगद स्थानांतरित की गई।
जनजातीय मंत्रालय का कहना है कि वह पहला मंत्रालय है जिसने प्रि और पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप के लिए डीबीटी पोर्टल यानी सीधे पैसा खाते में स्थानांतरित करने की योजना अपनायी है। पिछले वित्त वर्ष में जनजातीय मंत्रालय ने विभिन्न छात्रवृत्तियों के लिए कुल 2400 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी जिससे छात्रवृत्ति पाने वाले करीब 32 लाख छात्र लाभान्वित हुए थे।
बता दें कि चार चरणों के बाद आज से देश में लॉकडाउन नहीं अनलॉक के दिशानिर्देश प्रभावी हो गए हैं। शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 30 जून तक अनलॉक-1 के लिए जारी दिशानिर्देश में गतिविधियों को आगे बढ़ाने की चाबी राज्यों के हाथ में दी थी। राज्यों ने स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से अगले 30 दिनों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) जारी करते हुए इस दिशा में कदम भी बढ़ा दिया है। हालांकि, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए काफी चीजें बंद रखने का फैसला लिया गया है।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लॉकडाउन के ढील के साथ-साथ बढ़ते जा रहे हैं। देश में पिछले 24 घंटों में 8,392 नए कोविड-19 के मामले सामने आए हैं और 230 मौतें हुईं। विशेषज्ञ का मानना है कि अगले महीने महामारी चरम पर होगी। देश में अब कुल मामलों की संख्या 1,90,535 हो गई है। इसमें 93322 सक्रिय मामले और 91819 ठीक हुए लोग शामिल हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, अब तक कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आकर 5394 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, अब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।