60 साल पुराना ऑपरेशन थिएटर और 43 लोगों के आंखों की रोशनी जाने की दर्दनाक दास्तां
बड़वानी. मध्य प्रदेश बड़वानी जिले में सरकारी शिविर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 46 मरीजों को संक्रमण मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर आरएस पलोड़ के मुताबिक ऑपरेशन थिएटर 60 साल पुराना है.
43 मरीजों के आंखों की रोशनी जाने के खतरे के बाद नेत्र रोग विभाग के प्रमुख डॉ. आरएस पलोड़ को सस्पेंड कर दिया गया है. डॉ. पलोड़ के मुताबिक, 60 साल पुराने ऑपरेशन थिएटर
को लेकर वह पिछले छह साल से शिकायत कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन थियटर की खस्ता हालत पर वह लगातार जिला प्रशासन व अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिख रहे थे. उन्होंने मीडिया से कहा कि उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया. डॉ. पलोड़ के मुताबिक, यदि कुछ इंतजाम किया जाता तो यह नौबत नहीं आती.
वहीं, कलेक्टर अजय सिंह गंगवार ने भी मीडिया से चर्चा में कहा कि विभाग का भवन 60 साल पुराना है. ऑपरेशन थिएटर भी सही तरीके से काम नहीं कर रहा था. ऑपरेशन थिएटर सहित पूरी इमारत को नया बनाया जाना जरूरी है.
60 साल पुराने इस ऑपरेशन थिएटर में मोतियाबिंद के कुल 86 ऑपरेशन किए गए थे. इनमें से आधे से ज्यादा मरीज संक्रमण का शिकार हो गए थे. बताया जा रहा है कि 43 मरीजों पर आंखों की रोशनी गंवाने का खतरा मंडरा रहा है.
ऑपरेशन थियटर मेें गंदगी, जंग और जाले
मामले के खुलासे के बाद इंदौर और भोपाल से स्वास्थ्य विभाग का अमला बड़वानी पहुंच गया है. जांच दल ने पाया कि ऑपरेशन थियटर में जगह-जगह गंदगी और जाले थे. इसके अलावा लोहे के सामान में जंग भी लगी हुई थी.
तीन वजहों से फैला संक्रमण
संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ. शरद पंडित ने बताया कि संक्रमित सलाइन, संक्रमित उपकरण और संक्रमित लेंस की वजह से ही मरीज संक्रमण का शिकार हो गए. संयुक्त संचालक ने माना कि ऑपरेशन के दौरान जरूरी सावधानी नहीं रखी गई.