7 बड़े सवाल, जो पीएम की डिग्री को लेकर ‘आप’ ने उठाए
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मुलाकात के बाद विश्वविद्यालय के बाहर मीडिया से बात करते हुये आप नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय की तरफ से मनाही होने से प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में शक गहरा हो गया है। वहीं, कुलपति पर दबाव होने की भी आशंका पैदा हो गयी है। वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री का रहस्य और गहरा गया है। कुलपति ने हमको दूसरे की डिग्री देखने की इजाजत देने से मना कर दिया।
इतना ही नहीं, बातचीत में कुलपति ने यह भी कहा कि ऐसे मामले में बहुत दबाव होता है। संजय सिंह ने कहा कि कुलपति ने डिग्री और मार्कशीट के बारे में कुछ भी नहीं कहा। जबकि उन्हें केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश की कापी दिखायी गई थी। विश्वविद्यालय जाने से पहले पार्टी कार्यालय पर भी मीडिया से बात की। इस दौरान आप नेताओं ने विश्व विद्यालय के रजिस्ट्रार से प्रधानमंत्री की डिग्री से जुड़े सात सवाल पूछे।
-ऐसा क्यों है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तरफ से जारी डिग्री व मार्कशीट में नाम व अंक टाइप किया हुआ है, जबकि हमारे पास मौजूद डिग्री व मार्कशीट में यह हाथ से लिखा है?
-हमारे पास मौजूद मार्कशीट में प्रिपेयर्ड बाई व चेक्ड बाई दोनों खानों में सक्षम अधिकारियों के दस्तखत हैं, जबकि भाजपा की तरफ जारी मार्कशीट में दस्तखत सिर्फ चेक्ड बाई खाने में ही है?
-प्रधानमंत्री की वर्ष 1975, 76, 77, 78 की मार्कशीट के ऊपर 2366 अंक हाथ से लिखा है। यह कैसे हुआ कि एक ही राइटिंग में चारों सालों के अंक लिखे गये?
-ऐसा कैसे संभव है कि हमारे पास मौजूद मार्कशीट में युनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली बहुत साधारण फॉट में लिखा है, जबकि भाजपा की तरफ जारी मार्कशीट का फॉट आधुनिक है?
-मार्कशीट कंप्यूटर से बनी लगती है। 1975 में दिल्ली विश्वविद्यालय में कंप्यूटर लगा था क्या?
-भाजपा वाली मार्कशीट के फॉट अत्याधुनिक हैं। क्या उस समय यह फॉट मौजूद थे?