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71 वर्ष के हुए अमिताभ

am5मुम्बई। बॉलीवुड अभिनेता और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन आज 71 साल के हो गए। लगभग 200 हिन्दी फिल्मों में काम कर चुके अमिताभ बच्चन का जन्म हिंदी के शलाका कवि हरिवंश राय बच्चन के घर 11 अक्तूबर 1942 को हुआ। 1969 में पहली फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ करने के बाद उन्होंने ‘परवाना, शेरा, गुडडी, बांबे टू गोवा’ जैसी एक के बाद एक फिल्में कीं, लेकिन इन फिल्मों से वह दर्शकों को खुश नहीं कर पाए। उनकी पहचान 1971 में ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘आनंद’से मिली। इस फिल्म में अमिताभ द्वारा निभाई गई सहायक अथ्रनेता की भूमिका ने उन्हें पहला फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया। 

उनकी शादी बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारा जया भादुड़ी से हुई। दोनों की पहली मुलाकात पुणे के फिल्म इंस्टीट्यूट में और फिर ‘गुड्डी’ फिल्म के सेट पर हुई। इन्होंने इस मुलाकात के बाद कई फिल्में साथ कीं और इसके जरिए एक दूसरे के करीब आए। लेकिन उनके करियर की तरह निजी जिंदगी में उतार-चढ़ाव का दौर तब आया जब अभिनेत्री रेखा से उनके कथित विवाहेत्तर संबंध की खबरें आम होने लगीं। अमिताभ हालांकि, आज जया के साथ आज खुश हैं, वहीं रेखा ने भी दोनों के संबंधों पर कभी खुलकर बात नहीं की।

अमिताभ के जीवन से जुड़ी कई रोचक बातें हैं, मसलन उनकी सफलता की वजह वे फिल्में रहीं जिसे तत्कालीन सुपर स्टार राजेश खन्ना ने ठुकरा दी थीं। कहा जाता है कि जब वह फिल्म ‘खुदा गवाह’ की शूटिंग के लिए अफगानिस्तान गए थे तो वहां की सरकार ने देश के आधे सुरक्षाकर्मियों को उनकी सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया था। 

अमिताभ को लेकिन बतौर अभिनेता देश की जनता ने 1973 की फिल्म ‘जंजीर’ में उनके गुस्सैल छवि वाले किरदार से पहचाना। आज बॉलीवुड और अभिनय का पर्याय बन चुके अमिताभ को ‘जंजीर’ ने ही स्टारडम के साथ एंग्री यंगमैन का तमगा भी दिलाया। इसके बाद तो एक के बाद एक अमिताभ ने ‘मर्द’, ‘शोले’, ‘कुली’, ‘लावारिस’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों से एंग्री यंग मैन के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर ली। सफलता की दौड़ के बीच उनके जीवन में वह पल भी आया जब ‘कुली’ फिल्म की शूटिंग में हुए भयानक दुर्घटना ने उनकी रफ्तार रोक ली। उनके स्वस्थ होकर घर आने की उम्मीद कम थी, लेकिन प्रशंसकों की उम्मीद के बीच कई महीने बाद वह स्वस्थ हो कर घर लौटे। 

 अमिताभ का करियर 70-80 के दशक में उफान पर रहा और उन्होंने बॉलीवुड पर एकछत्र राज किया। अमिताभ के करियर के पूर्वार्ध में दर्शकों ने जहां उन्हें ‘जंजीर’, ‘नमकहलाल’, ‘शोले’, ‘कूली’, ‘सुहाग’, ‘अभिमान’, ‘सिलसिला’, ‘मिली’, ‘मिस्टर नटवर लाल’, ‘द ग्रेट गैंबलर’, ‘अग्निपथ’, ‘चुपके-चुपके’, ‘लावारिस’ में पसंद किया वहीं ‘मोहब्बतें’, ‘ब्लैक’, ‘बंटी और बबली’, ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘देव’, ‘सरकार’, ‘सरकार राज’, ‘आरक्षण’, ‘सत्याग्रह’ जैसी अनगिनत बेहतरीन फिल्में उनकी दूसरी पारी का इंतजार कर रहे थे।

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