अन्तर्राष्ट्रीय
73 दिनों बाद चीनी राष्ट्रपति ने उठाया कदम और सुलझ गया डोकलाम विवाद
भारत और चीन ने 73 दिनों की गहमागहमी के बाद डोकलाम विवाद को सुलझा लिया है। दोनों देशों ने ब्रिक्स सम्मेलन से पहले सीमा से अपनी-अपनी सेना वापस बुला ली, लेकिन डोकलाम विवाद में सबसे महत्तवपूर्ण बिंदु पर बात नहीं हुई। सीमा विवाद चीनी राष्ट्रपति के उस फैसले के बाद हल हो सका, जिसमें उन्होंने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के ज्वाइंट स्टाफ डिपार्टमेंट प्रमुख को हटाया।
गौरतलब है कि पीएलए में यह पद सबसे महत्वपूर्ण है और अमेरिकी ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन के समकक्ष माना जाता है। इस पद को पिछले साल चीनी राष्ट्रपति ने पीएलए के मिलिट्री रिफॉर्म के रूप में बनाया था, जिससे चीनी सेना युद्ध लड़ सके और जीत सके।
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डोकलाम विवाद का इतने दिनों तक चलना यह बताता है कि हटाए गए चीफ, जनरल फांग फेंगहुई भारत से साथ बातचीत में रोड़ा थे और शायद इस विवाद के लिए जिम्मेदार भी। हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं था, जब चीनी और भारतीय सैनिकों में बीच तनातनी रही है।
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चीन इससे पहले भी कई बार लद्दाख में घूसपैठ की कोशिश कर चुका है। हालांकि पिछले मौकों पर कोई विवाद इतने दिनों तक नहीं चला है। इससे पहले चीन ने 2013 में लद्दाख में घूसपैठ की थी, जिस कारण लगभग तीन हफ्तों तक दोनों देशों की सेना के बीच तनाव रहा था।