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78 साल पहले आज ही के दिन मशरूम के शेप में एक गोला उठा, 10 सेकेंड में पूरे हिरोशिमा को जला डाला, 70,000 लोग चंद मिनटों में मारे गए

मुंबई: आज से 78 साल पहले जापान को अंदाजा भी नहीं हुआ होगा कि 6 अगस्त की सुबह उसको परमाणु हमले का सामना भी करना पड़ सकता है। हम बात कर रहे हैं जापान और उसके शहर हिरोशिमा की। 6 अगस्त 1945 जापान के शहर हिरोशिमा पर परमाणु बम गिरा दिया गया था, जिसमें चंद मिनटों में 70000 लोग मारे गए। यह दुनिया का पहला परमाणु हमला था।

6 अगस्त 1945 की सुबह मारियाना द्वीप से उड़ान भरकर अमेरिकी बमवर्षक विमान जिसका नाम ‘एलोना गे’ था। एलोना गे जापान के शहर हिरोशिमा के ऊपर पहुंच चुका था। ठीक सवा आठ बजे इस विमान से दुनिया का पहला परमाणु बम गिरा दिया गया। 43 सेकेंड हवा में रहने के बाद ‘लिटिल बॉय’ फट गया।

10 सेकेंड में ही ये ब्लास्ट पूरे हिरोशिमा में फैल गया
मशरूम के शेप में एक बड़ा आग का गोला उठा और आस-पास का तापमान 3000 से 4000 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। विस्फोट से हवा इतनी तेज चली कि 10 सेकेंड में ब्लास्ट होकर पूरे हिरोशिमा में फैल गया और चंद मिनटों में 70,000 लोग मारे गए। इनमें से कई लोग तो जहां थे वहीं भाप बन गए।

अमेरिका ने जापान पर क्यों किया परमाणु हमला?
जापान द्वितीय विश्व युद्ध के समय भी एक ताकतवर देश था। साल 1939 में शुरू हुए विश्व युद्ध को छह साल हो चुके थे, लेकिन जंग रुकने का नाम नहीं ले रहा था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लगातार हमले कर रहा था, जिसमें जापान बढ़चढ़ कर हिस्सा लेता था।

अपने दो शहरों को देख जापान ने सरेंडर किया
इसे रोकने के लिए अमेरिका ने हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराने का फैसला लिया और अमेरिका ने 6 अगस्त 9 अगस्त को दो शहरों में परमाणु ब्लास्ट कर जापान को न भूलने वाला दर्द दे दिया। अमेरिका ने जापान के शहर हिरोशिमा में लिटिल बॉय और नागासाकी में फैट बॉय नाम का परमाणु बम गिराया था। जापान अपने दो शहरों को बुरी तरह से जलता देख आखिरकार अमेरिका के सामने सरेंडर किया, जिसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हुआ।

अमेरिका ने परमाणु बम गिराकर जापान से लिया बदला
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना ने अमेरिका के नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर हमला किया था, जिसका जवाब अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराकर दिया।

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