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अफगानिस्तान से आयरलैंड; पैदल चला, पार्क में सोया, पार किए 8 देश… रुला देगी दुनिया के ‘टॉप गेंदबाज’ की कहानी

नई दिल्ली. आयरलैंड के ऑफ स्पिनर मुजामिल शेरजाद (Muzamil Sherzad) का अंडर-19 वर्ल्ड कप (U-19 World Cup) तक का सफर आम नहीं है. अफगानिस्तान (Afghanistan) के जलालाबाद की गलियों में टेप बॉल से क्रिकेट खेलते हुए मुजामिल अब क्रिकेट की दुनिया में सर्वश्रेष्ठ जूनियर खिलाड़ियों में से एक हैं. उनके संघर्ष भरे सफर पर आराम से कोई फिल्म या वेब सीरीज बन सकती है. पांच साल पहले शेरजाद जब 14 साल के थे तो उनकी मां ने उन्हें आयरलैंड (Ireland) ले जाने के लिए एक दलाल को भुगतान किया. वहां उनके चाचा फास्ट फूड आउटलेट में काम करते थे. जब शेरजाद जलालाबाद से निकले तो उनके पास केवल घर का बना कुछ खाना और करीब 3400 रुपये थे.

इसके बाद अगले 8-9 महीने शेरजाद ने अन्य अप्रवासियों के साथ पाकिस्तान, ईरान, तुर्की, बुल्गारिया, सर्बिया, क्रोएशिया, इटली और फ्रांस की सीमाओं को पार किया. इस दौरान उन्हें चलना, दौड़ना, जंगलों में छिपना, पार्कों में सोना पड़ा. अपने चाचा के पास बेहतर जीवन की तलाश के लिए शेरजाद ने करीब 8300 किमी लंबी यात्रा की. आयरलैंड पहुंच कर शेरजाद को एहसास हुआ कि क्रिकेट खेलकर उन्हें अपनी पहचान और दोस्त बनाने का मौका मिलेगा. उन्हें भाग्य का साथ मिला और आज वह आयरलैंड के स्टार खिलाड़ी बन गए.

गुयाना के जॉर्ज टाउन से अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शेरजाद ने कहा,” मैंने अपने पिता को 5 साल की उम्र में खो दिया था. पारिवारिक संपत्ति विवाद के बाद मेरी मां एक एजेंट के संपर्क में आई और मुझे पैक कर दिया. मेरी जान को खतरा था.” अभी शेरजाद वेस्टइंडीज के आलीशान होटल में हैं लेकिन एक समय ऐसा भी था जब वह क्रोएशिया पार करने के दौरान शिविर मे रहे. वहां से मिलान (इटली) जाने के लिए तीन-चार दिनों तक ट्रक में यात्रा की.

फ्रांस के चेरबर्ग में वह नौका पर सवार हुए. इस दौरान काफी ठंड और अंधेरा था. शेरजाद कहते हैं कि सौभाग्य से वह अंत में आयरलैंड पहुंच गए लेकिन मुश्किलें खत्म नहीं हुई. डबलिन में उन्होंने पहली रात एक पार्क में बिताई क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि चाचा कहां रहते हैं. शेरजाद अंग्रेजी बोल नहीं सकते थे और एक बार फिर उन्हें भाग्य का सहारा मिला. उन्हें एक एशियाई व्यक्ति से मिला जिसने डबलिन में एक शरणार्थी केंद्र का पता दिया. जब तक उनके चाचा नहीं मिल गए उन्हें चाइल्ड केयर होम में रहना पड़ा.

क्रिकेट के साथ शेरजाद का प्यार दो साल पहले हुआ था जब उन्होंने क्रिकेट आयरलैंड में तेज गेंदबाजी प्रतिभा खोज के बारे में एक विज्ञापन देखा. क्रिकेट आयरलैंड के टैलेंट मैनेजर अल्बर्ट वैन डेर मेर्वे का कहना है कि वह और उनके सहयोगी शेरजाद की प्राकृतिक प्रतिभा से प्रभावित थे. इसके बाद क्रिकेट किट खरीदने के लिए शेरजाद अपने चाचा के साथ फास्ट फूड आउटलेट में काम करने लगे. वीरेंद्र सहवाग के कट्टर प्रशंसक और बॉलीवुड फैन शेरजाद विश्व कप में नाम बनाने के लिए तैयार हैं. IPL में स्टार लेग स्पिनर राशिद खान सहित अफगानिस्तान के कई खिलाड़ियों की मौजूदगी ने उनकी दिलचस्पी आईपीएल में भी जगा दी है. वह आमिर खान अभिनीत ‘3 इडियट्स’ जैसी फिल्मों से पहले ही हिंदी सीख चुके हैं.

विश्व कप खेलने के बावजूद उनकी एक अधूरी इच्छा है. वह अपने परिवार, मां, दो भाइयों और एक बहन से मिलना चाहते हैं. उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि विश्व कप में आयरलैंड के लिए क्रिकेट खेलूंगा. काश मेरी मां और भाई-बहन मुझे खेलते हुए देख पाते. मुझे उनकी बहुत याद आती हैं. मैं उन्हें आयरलैंड लाने की कोशिश कर रहा हूं. मैंने उनके वीजा के लिए आवेदन किया है. देखते हैं कि भविष्य में क्या होता है.”

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