मालूम हो कि आईआईटी की मौजूदा सालाना फीस 90 हजार रुपये है। आईआईटी काउंसिल की स्थायी समिति (एससीआईसी) ने दूसरा महत्वपूर्ण सुझाव दिया है कि नेशनल अथॉरिटी ऑफ टेस्ट (नैट) द्वारा एप्टीट्यूड की जांच के लिए डिजाइन की गई प्रस्तावित नई प्रवेश परीक्षा 2017 से शुरू होगी। माना जा रहा है कि इस संदर्भ में भी अंतिम निर्णय ईरानी ही लेंगी।
सूत्रों ने बताया कि आईआईटी के निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों वाले एससीआईसी ने एक बैठक में आईआईटी बांबे के निदेशक देवांग खाखर की अध्यक्षता वाली उप-समिति द्वारा पहले पेश की गई रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है।
इस उप-समिति ने फीस बढ़ा कर तीन लाख रुपये करने के अलावा आईआईटी की फाइनेंसिंग के लिए कई स्रोतों का सुझाव दिया था। सूत्र ने बताया कि उप-समिति को फिर से इस बात पर विचार करने को कहा गया है कि फीस में होने वाली बढ़ोतरी क्या स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ाई करने वाले छात्रों पर भी लागू होना चाहिए क्योंकि वे फेलोशिप के आधार पर पढ़ाई कर रहे हैं।
अगर एससीआईसी के सुझावों को स्वीकार किया जाता है तो विदेशी छात्रों की फीस भी 4,000 डॉलर सालाना से बढ़ कर 10 हजार डॉलर हो जाएगी।
छात्रों को ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध कराने की सलाह
सूत्रों ने बताया कि समिति ने इस बात पर भी जोर दिया है कि प्रत्येक छात्र को विद्यालक्ष्मी स्कीम के तहत बिना कोलैटरल के ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाना चाहिए। बेहतरीन विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए आठ देशों में आईआईटी प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव भी किया गया है।