दस्तक टाइम्स/एजेंसी
नई दिल्ली। देश के कई हिस्सों में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, ऐसे में इसकी चर्चा भी जोरों पर है लेकिन एक सर्वेक्षण पर यकीन करें तो 9० फीसदी लोगों को यह नहीं पता कि डेंगू फैलता कैसे है। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और नीलसन ने भारत के 16 शहरों में एक सर्वेक्षण किया। इस सर्वे का उद्देश्य डेंगू फैसने की वजह और उसके बारे में लोगों की धारणा को समझना, देश में उससे निपटने के लिए किए जाने वाले उपायों का आकलन करना था। गुड नाइट डेंगू जागरूकता रिपोर्ट से कुछ दिलचस्प बातों का पता चलता है।
देश में पिछले पांच दशकों में डेंगू के मामलों में 3० गुना इजाफा हुआ है। 85 प्रतिशत लोगों को यह तो मालूम है यह जानलेवा बीमारी है लेकिन लगभग 92 प्रतिशत यह नहीं जानते कि मच्छरों की वजह से डेंगू फैलता है और यह दिन में काटता है। चैंकाने वाली बात यह है कि 8० प्रतिशत लोग दिन में मच्छरों दिखने की बात मानते हैं लेकिन सिर्फ 8 प्रतिशत लोग ही दिन में मच्छरों से बचने के उपायों का प्रयोग करते हैं। नीलसन द्वारा किए गए गुड नाइट डेंगू जागरूकता रिपोर्ट से पता चलता है कि 76 प्रतिशत अभिभावक मानते हैं कि उनके बच्चों पर डेंगू की चपेट में आने का खतरा सबसे ज्यादा है जबकि 7० प्रतिशत लोग मानते हैं कि क्लासरूम में उनके बच्चों को डेंगू होने का ज्यादा खतरा होता है लेकिन केवल 28 प्रतिशत माताएं मानती हैं कि उनके बच्चें के स्कूल की कक्षाओं में मच्छर भगाने के उपायों का उपयोग किया जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक 87 प्रतिशत माताएं चाहतीं हैं कि उनके बच्चों के स्कूलों को बच्चों को डेंगू के खतरों के बारे में बताने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। डेंगू के मच्छर मलेरिया के मच्छरों से अलग होते हैं! डेंगू के लिए न तो कोई विशिष्ट दवा मौजूद है और न ही कोई टीका। इस बीमारी को नियंत्रित करने का एकमात्र तरीका इसे फैलाने वाले एडीज एजिप्टी मच्छरों को नियंत्रित करना है। डेंगू मच्छर दिन के समय काफी सक्रिय रहते हैं इसलिए दिन में खुद को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी होता है। इस दौरान बच्चों के डेंगू की चपेट में आने का सबसे ज्यादा खतरा होता है क्योंकि वे घर से दूर स्कूल या प्लेग्राउंड में होते हैं। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के भारत और सार्क के बिजनेस हेड सुनील कटारिया ने गुड नाइट डेंगू जागरूकता रिपोर्ट को पेश करते हुए कहा कि हमारे शोध से पता चलता है कि डेंगू के मच्छरों के दिन में सक्रिय रहने की वजह से स्कूली बच्चों के डेंगू की चपेट में आने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। उन्होंने कहा कि डेंगू के खतरें के बारे में जागरूकता की जरूरत को समझते हुए इसकी व्यापकता को मापने के लिए हमने एक सर्वे किया। निष्कर्षों के आधार पर हमने ‘सुबह बोलो गुड नाइट’ नामक जागरूकता अभियान की शुरुआत की है जिसका उद्देश्य डेंगू से बच्चों की रक्षा करना है और देश भर में 1० लाख स्कूली बच्चों तक पहुंचना है।