9 घंटे या उससे अधिक नींद लेने से बढ़ सकता है हार्ट स्ट्रोक का खतरा
अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ खानपान के साथ-साथ अच्छी नींद लेना जरूरी माना जाता है। नींद को इंसान की कई बीमारियों के इलाज के लिए सबसे अच्छी दवा के रूप में जाना जाता है, लेकिन मेडिकल जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि जो लोग जरूरत से ज्यादा सोते हैं, उनमें हार्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
क्या कहता है अध्ययन?
अध्ययन के अनुसार, जो लोग रात के समय 9 घंटे या उससे अधिक समय तक सोते थे, उनमें त में सात या उससे कम घंटों तक सोने वाले लोगों की तुलना में हार्ट स्ट्रोक के खतरे की आशंका 23 प्रतिशत अधिक थी। अध्ययन में पाया गया कि कम सोने वालों की तुलना में लंबे समय तक सोने वाले लोग और लंबी झपकी लेने वाले दोनों में 85 प्रतिशत लोगों को हार्ट स्ट्रोक की संभावना थी।
अध्ययन के लेखक ने कहा, ” इस अध्ययन से पता चलता है कि दिन के समय में घोड़े बेचकर सोने वालों के कोलेस्ट्रॉल के स्तर में प्रतिकूल परिवर्तन और कमर बढ़ गई, जो दोनों स्ट्रोक के लिए जोखिम कारक हैं।” उन्होंने कहा, “लंबी झपकी लेना और सोना एक संपूर्ण निष्क्रिय जीवन शैली की ओर इशारा करता है, जो स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम से भी संबंधित है।”
कैसे किया गया अध्ययन
अध्ययन में चीन के 31,750 लोगों को शामिल किया गया, जिनकी औसत आयु 62 वर्ष थी। जब अध्ययन शुरू किया गया था, उस वक्त अध्ययन में शामिल होने वाले लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियों या हार्ट स्ट्रोक का कोई पुरानी समस्याएं नहीं थी। शोधकर्ताओं ने छह साल तक लोगों का अनुसरण किया, जिसके दौरान उनके सामने अधिक सोने वाले लोगों में हार्ट स्ट्रोक के कुल 1,557 मामले सामने आए।
इस आधार पर शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि जो लोग रात में 9 घंटे या उससे अधिक समय तक सोते थे, उनमें रात में 7 घंटे या उससे कम घंटों तक सोने वाले लोगों की तुलना में हार्ट स्ट्रोक होने की आशंका 23 प्रतिशत अधिक थी।