देहरादून: सूचना विभाग एवं एमडीडीए के संयुक्त तत्वाधान में बन्नू ग्राउंड, रेसकोर्स देहरादून में 5 दिवसीय ‘9 वर्ष उत्कर्ष के’ विकास और संस्कृति का महोत्सव तथा देश के असीम विकास यात्रा कार्यक्रम में शुक्रवार को भी पुरे जोश एवं उमंग से जारी रहा।
आज दो लोक गायकों की प्रस्तुति प्रमुख रही। इसके अलावा इस दौरान विभिन्न लोक कलाकारों तथा गायकों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम में आज दो लोक गायकों की प्रस्तुति रहीं। जिसमे पद्मश्री डॉ. प्रीतम भरतवाण ने “आहा ! सरुली मेरु जिया लगी गे तेरी रौत्याली मुखडी मा…”, “मोहना तेरी मुरली बाजी” एवं कल्पना चौहान ने “तू है मेरी सासू”, “मैं घास कटुलु” जैसे प्रसिद्ध पहाड़ी गानों से लोगो का दिल जीता। इस दौरान युवाओं में खासा जोश देखा गया।
कार्यक्रम परिसर में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों के माध्यम से जन कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार किया गया। विभिन्न स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा स्टालों के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को बेचा गया। कार्यक्रम में 50 से अधिक स्टोलों के माध्यम से ग्रामीण उत्तराखंड के खानपान को भी दर्शाया गया है। स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टॉल जैसे मंडुवे के मोमो, मँड़ुवे के बिस्कुट, पहाड़ी अंजीर के उत्पाद, रिंगाल के उत्पाद पुस्तकें , पहाड़ी दाल, बुरास एवं माल्टा का जूस, लोगों को खासा आकर्षित कर रहे हैं।
कार्यक्रम में केंद्र एवं राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत अभियान, उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत योजना, रोड, रेल, रोपवे कनेक्टिविटी, महिला सशक्तिकरण, सशक्त उत्तराखंड @25, प्रधानमंत्री आवास योजना, वंदे भारत एक्सप्रेस, भव्य दिव्य केदारनाथ जैसे विभिन्न पर विषयों पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी से लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल। लोगों ने सेल्फी विद मोदी प्वाइंट में जाकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल तस्वीर के साथ भी फोटो खिंचवाई। कार्यक्रम में लेजर शो के माध्यम से केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न विकासशील योजनाओं के बारे में भी बताया जा रहा है। राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी इस माध्यम से प्रदान की जा रही है।
इस दौरान कार्यक्रम में महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी, अगर निदेशक सूचना आशीष त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक के.एस चौहान, उप निदेशक मनोज श्रीवास्तव एवं अन्य लोग मौजूद रहे।