90 दिन से ज्यादा एक जेल में नहीं रखे जाएंगे खूंखार कैदी
भोपाल, ब्यूरो। सिमी आतंकियों के जेल ब्रेक कर भागने के बाद ही सही आखिरकार जेल विभाग की नींद खुली और अब आनन-फानन में विभाग उन पुराने नियमों को भी सख्ती से लागू कराने की बात कर रहा है, जो पहले भी थे, पर उन पर ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था को और चाक चौबंद करने कुछ नए दिशा-निर्देश भी विभाग ने जारी किए हैं।
बुधवार को जेल डीजी संजय चौधरी ने जेल विभाग में सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की और पुराने दिशा-निर्देशों के सख्ती से पालन करने को लेकर निर्देश जारी किए। इस दौरान जेलों में बंद खूंखार कैदियों को 90 दिन से ज्यादा एक जेल में नहीं रखने के पुराने नियम को अमल में लाने की बात भी हुई। इस व्यवस्था के तहत गोपनीय तरीके से कैदियों की शिफ्टिंग की जाएगी।
सुबह सीएम ने दिए निर्देश, शाम को तैनाती
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बुधवार सुबह सेंट्रल जेल के औचक निरीक्षण के दौरान सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेने के बाद अफसरों एवं सिपाहियों सहित अन्य स्टाफ की कितनी कमी को लेकर सूची तैयार करने को कहा, इधर देर शाम जेल मुख्यालय ने तीन सहायक अधीक्षक, आठ मुख्य प्रहरी और 27 प्रहरी की भोपाल सेंट्रल जेल के लिए पदस्थापना के आदेश जारी कर दिए। मालूम हो कि सेंट्रल जेल में लंबे समय से कई पद रिक्त थे।
कई बार दिए थे निर्देश फिर भी नहीं सुधार पाए व्यवस्था
जेल विभाग में डीजी रहे एक अधिकारी का कहना है सिमी आतंकियों का भागना बेहद गंभीर चूक है। वे बताते हैं कि जेल में स्टाफ कम है यह सब जानते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी कई बार यह निर्देश उनके कार्यकाल में भी दिए गए थे कि रात में निरीक्षण के दौरान कम से कम दो या तीन प्रहरी साथ में अनिवार्य तौर पर हो यह सुनिश्चित हो। यह व्यवस्था नहीं थी, जिसका फायदा सिमी आतंकियों ने उठाया। वे बताते हैं यदि भोपाल सेंट्रल जेल में दो प्रहरी भी एक साथ निरीक्षण करते तो यह घटना नहीं होती।
पूर्व आईजी ने भी किया था सचेत
इधर जेल के पूर्व आईजी जीके अग्रवाल ने भी मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने भी दो साल पहले मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था में खामियों के बारे में बताया था। अग्रवाल ने लिखे पत्र में खंडवा जेल ब्रेक का उदाहरण देते हुए यह भी कहा था कि इतनी बड़ी घटना से कुछ खास सबक नहीं लिया गया है और यदि अब तक सिमी आतंकी नहीं भागे हैं, तो अच्छी बात है लेकिन व्यवस्थाएं नहीं सुधारी तो भविष्य में ऐसा फिर हो सकता है।
इन व्यवस्थाओं को सख्ती से लागू करेगा विभाग
– नाइट ड्यूटी के दौरान दो से तीन प्रहरी एक साथ चैकिंग करेंगे।
– जेलों में फोकस लाइट लगेगी।
– सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
– हाई क्वालिटी के नए कैमरे भी लगाए जाएंगे।