99 % भारतीय नही जानते होंगे इस 2000 साल से भी पुराने शनि मंदिर का राज़
इन मंदिरों की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है. कई मंदिर तो इतने पुराने हैं कि उनका इतिहास पढ़कर और जानकर लोगों को आश्चर्य होता है. न जाने कितने ही मंदिरों के बारे में लोग इन्टरनेट पर खोजते रहते हैं. लोगों को मंदिरों के बारे में जानकर ख़ुशी होती है.
मंदिर की कहानियां तो आपने बहुत सुनी होंगीं लेकिन एक ऐसा भी मंदिर है जिसके बारे में नहीं जानते बहुत से लोग. आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताएँगे वो मध्य प्रदेश में हैं.
इस मंदिर का नाम है शनि मंदिर. यह उज्जैन में है. इसकी कई विशेषताएं हैं जो नहीं जानते लोग. आप भी जान लें इन बातों को.
सबसे पहले बात मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर नवग्रह शनि मंदिर है. मंदिर के पुजारी पंडित राकेश बैरागी के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना लगभग 2 हजार साल पहले राजा विक्रमादित्य ने की थी.
यहां मुख्य शनि प्रतिमा के साथ ही एक अन्य शनि प्रतिमा भी स्थापित है, जिसे ढय्या शनि कहते हैं.
इस मंदिर की स्थापना उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने की थी. इस मंदिर के साथ विश्व के सबसे वैज्ञानिक कैलेण्डर विक्रम संवत का इतिहास भी जुड़ा है.
राजा विक्रमादित्य ने मंदिर बनाने के बाद यही से विक्रम संवत की शुरुआत की थी.
उज्जैन का ये शनि मंदिर पहला ऐसा मंदिर भी है जहां शिव के रूप में शनि विराजित है लोग अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए यहां तेल चढ़ाते हैं. लोगों को आसानी से दर्शन हो सकें इसलिए मंदिर के बाहर एलईडी डिस्प्ले की व्यवस्था भी की गई है.
जिन लोगों पर शनि की ढय्या का प्रभाव होता है, वे ढय्या शनि को तेल चढ़ाते हैं. शनि की साढ़ेसाती और अन्य समस्याओं के लिए शनि की मुख्य प्रतिमा की पूजा की जाती है.
कहा यह भी जाता है कि शनि अम्वास्या के दिन श्रद्धालु करीब 5 क्विंटल तेल चढ़ाते हैं. इस तेल को इकट्ठा करने के लिए मंदिर परिसर में कई टंकियां लगाई गई है.
बाद में इसी तेल की नीलामी की जाती है.
शनि अमावस्या को देशभर के श्रद्धालु शिव रूप में शनिदेव को तेल चढ़ाकर प्रसन्न करते हैं.
हर शनिचरी अमावस्या को लोग नदी में स्नान करके अपने दुख, पीडाओं और पापों से मुक्ति प्राप्त करते है.
परिक्रमा मार्ग में इन ग्रहों का दर्शन और पूजन भी किया जाता है. इसलिए इस मंदिर को नवग्रह शनि मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर अतिप्राचीन है और यहां आने वाले के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
तो आप भी इस मंदिर के दर्शन ज़रूर करें. यहाँ पर सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं. अगर यहाँ सच्चे मन से भक्ति की गई तो सच में शनि महाराज कभी जीवन में दुःख तकलीफ नहीं देते.