क्या आपने किशोर बियानी का नाम सुना है ? आपका जवाब हो सकता है ‘हां’ या ‘नहीं’ पर आपने बिग बाजार का नाम जरूर सुना होगा। ये सक्सेस स्टोरी है फ्यूचर समूह के ऑनर और इंडिया में रिटेल बाजार यानि ‘बिग बाजार’ की शुरुआत करने वाले किशोर बियानी की…
आपकी जानकारी के लिए बता दें रिटेल किंग के नाम से मशहूर किशोर बियानी को फिर से फोर्ब्स इंडिया 100 रिचेस्ट 2017 लिस्ट में जगह मिल गई है, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कितना लंबा सफर तय किया है और जीवन के किन उतार-चढ़ाव से होकर वे गुजरे हैं, ये सभी बातें अपनी स्टोरी के माध्यम से अमर उजाला डॉटकॉम आपको बताएगा।
बिजनेस की दुनिया में किशोर बियानी ने सबसे पहले1987 में पैंटालूंस नामक कंपनी से शुरूआत की थी। इस कंपनी के नाम के पीछे का भी गजब का लॉजिक है। 1987 में मैंस वियर प्रा. लि. नामक कंपनी पैंटालून का नाम, ऊर्दू शब्द पतलून जैसा मिलता-जुलता था, इसलिए इसे चुना गया।
इसी नाम से काम चल निकला। 1991 में गोवा में पेंटालून शॉप शुरू की। साल 1992 में शेयर बाजार से पैसा जुटाया और ब्रांड खड़ा कर दिया। आज इस कंपनी का 9 हजार करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर है। किशोर बियानी को फोर्ब्स इंडिया 100 रिचेस्ट 2017 लिस्ट में 55वां स्थान मिला है। रीटल से उनकी कुल संपत्ति 2.75 बिलियन यूएस डॉलर बताई गई है।
खबरों के मुताबिक किशोर का जन्म राजस्थान में हुआ। परिवार मध्यमवर्गीय था। दादा पहले ही राजस्थान से मुंबई आ गए थे। वे यहां धोती-साड़ियों का व्यापार करते थे। इसी राह पर चलते हुए किशोर ने 22 साल की उम्र में ट्राउजर बनाने का काम शुरू किया। किशोर की कामयाबी का राज है काम के प्रति उनकी लगन और मेहनत थी। कहा जाता है कि किशोर लोगों की च्वाइस को समझकर ही अपने प्रोडेक्ट बाजार में लाते हैं।
आज भी अपने किसी फ्रेंचाइजी स्टोर में जाकर बैठ जाते हैं और लोगों की खरीददारी का पैटर्न देखते हैं। ये तरीका कुछ-कुछ वैसा ही है जैसे पुरातन काल में राजा अपनी प्रजा का हाल देखने के लिए जनता के बीच जाया करते थे।
किशोर पढ़ाई में अच्छे नहीं थे। 22 साल की उम्र में घरवालों ने शादी कर दी। पिता के साथ काम करने लगे पर उन्हें उनके काम करने का तरीका बेहद पुराना लगता था। कुछ नया करने की चाह ने किशोर को आज बुलंदियों पर पहुंचा दिया।