पंजाब

पंजाब में नौंवां टोल प्लाज़ा बंद, आम लोगों के रोज़ाना के 3.80 लाख रुपए बचेंगे

चंडीगढ़। पंजाब में टोल प्लाज़े बंद करवाने की कवायद जारी रखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नौंवें टोल प्लाज़ा को बंद करवा दिया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक हित में यह टोल प्लाज़ा बंद किया गया है। आने वाले दिनों में ऐसे और भी टोल प्लाजे बंद करवाए जाएंगे। समाना-पातड़ां सडक़ पर टोल प्लाज़ा बंद करवाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहाकि यह टोल प्लाज़े वास्तव में आम लोगों की खुली लूट करने वाली दुकानें थीं। इन टोल वालों ने अपने समझौतों की सभी शर्तों को नजऱअंदाज़ कर लोगों की अंधी लूट की। यह कितनी हैरानी की बात है कि सार्वजनिक हित में इन टोल प्लाज़ा कंपनियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई करने की बजाय पिछली सरकारों ने इन अनियमितताओं संबंधी अपनी आँखें बंद कर लीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे तो लोगों ने सरकारों को उनके हितों की रक्षा करने के लिए चुना। परन्तु सत्ता के भूखे राजनीतिज्ञों ने अपने स्वार्थों के लिए ऐसे डिफॉल्टरों की ढाल बनकर काम किया। पिछली सरकारों ने इन टोल प्लाजों की मनमानियों को नजऱअन्दाज़ किया और आम लोगों की परवाह न करते हुए ग़ैर- कानूनी ढंग से पैसा बनाने की इजाज़त दी। अब तक बंद हुए टोल प्लाजों में से एक पर भी समझौते के बावजूद एंबुलेंस और रिकवरी वैन का प्रबंध नहीं दिखा।

मुख्यमंत्री ने कहाकि इस टोल प्लाज़ों का समझौता 1 सितम्बर 2005 को कैप्टन सरकार के समय हुआ था। यह टोल साढ़े सोलह साल के लिए लगाया गया था। कई कमियों के कारण कंपनी पर 1.48 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया। कमियों के कारण इस टोल को 24 जून 2013 को बंद किया जा सकता था। ऐसा कभी नहीं हुआ और इस सडक़ की दूसरी मरम्मत न करने के कारण यह टोल 16 अक्तूबर, 2018 को बंद किया जा सकता था, परन्तु कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई थी।

मुख्यमंत्री ने कहाकि पद संभालने के बाद जब हमारी सरकार ने उल्लंघन के लिए टोल प्लाज़ों को नोटिस जारी किया। परन्तु कंपनी अदालत में चली गई। उन्होंने कहा कि अदालत ने यह अर्जी रद्द कर दी। सरकार ने सार्वजनिक हित में इसको बंद करने का फ़ैसला किया। मान ने कहाकि यह टोल प्लाज़ा बंद होने के कारण आम लोगों का 3.80 लाख रुपए रोज़ाना का बचेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन और कोविड महामारी का बहाना लगाकर कंपनी ने टोल का समय बढ़ाने की माँग की थी, सरकार ने इसको रद्द कर दिया। उन्होंने कहाकि यह काम पहले हो जाना चाहिए था। परन्तु पहले मुख्यमंत्रियों ने लोगों के हितों की रक्षा की परवाह नहीं की। बल्कि कंपनी के हितों को पूरा करने के लिए दिन-रात काम किया। लोगों से लूटा गया एक-एक पैसा हर हाल में वापस करवाया जाएगा। इस कंपनी के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहाकि राज्य के लोगों ने एक साल पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का बटन दबाकर उनको सरकार बनाने के लिए चुना था। अब एक साल के अंदर-अंदर वह रोज़ाना के 4 से 5 बटन दबाकर राज्य के लोगों को नए प्रोजैक्ट समर्पित कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि वह दिन दूर नहीं, जब राज्य सरकार की अथक कोशिशों के साथ पंजाब देश भर में नंबर एक राज्य बनेगा। पंजाब में घटी बेअदबी की घटनाओं के दोषियों को सज़ा देने की सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहली दफ़ा इस दिशा में कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि अब इन मामलों में इंसाफ़ दूर नहीं है, क्योंकि पहले ही अदालत में चालान पेश कर दिया गया है। जिससे दोषियों को सख़्त से सख़्त सज़ा सुनिश्चित बनाई जा सके। मान ने कहा कि बेअदबी के मामलों में इंसाफ़ पहले भी हो सकता था परन्तु पिछली सरकारों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवायती राजनीतिक पार्टियाँ उनके साथ इस बात पर वैर भाव रखती हैं क्योंकि उनको यह बात हज़म नहीं हो रही कि एक आम आदमी का बेटा इतने प्रभावशाली तरीके से राज्य को चला रहा है। पिछली सरकारें लोगों के हितों की परवाह किए बगैर अपने फ़ायदों के लिए काम करती थीं। अब एक स्कूल अध्यापक का बेटा लोगों एवं राज्य के हितों की रक्षा कर रहा है। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा और हरभजन सिंह ईटीओ भी उपस्थित थे।

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