एकनाथ खडसे ने खुद को बताया पक्का संघी
एजेंसी/ इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने पूर्व की यूपीए सरकार पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है. रिजिजू ने कहा कि तत्कालीन गृह मंत्रालय ने सच छुपाने के लिए पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम किया.
‘इंडिया टुडे’ के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में रिजिजू ने कहा, ‘पी. चिदंबरम के नेतृत्व में यूपीए सरकार के गृह मंत्रालय ने लश्कर के साथ काम किया और आतंकवाद के खिलाफ नरम रुख अपनाया.’ हालांकि रिजिजू ने आगे कहा, ‘मैं व्यक्तिगत तौर पर पी. चिदंबरम का बहुत सम्मान करता हूं. वह अब तक के बेहतरीन प्रशासक, सबसे बेहतरीन मंत्रियों में से एक हैं.’
जानिए, और क्या कुछ कहा किरन रिजिजू ने एक्सक्लूसिव बातचीत में-
1) मैंने पहले भी कहा है कि हम यह नहीं मानते की इशरत जहां को क्लीन चिट देने का फैसला चिदंबरम के अकेले का है. यह निश्चय ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ओर से सभी बातों का ध्यान रखकर उठाया गया कदम है.
2) अगर आप मालेगांव धमाके, समझौता धमाके और इशरत जहां केस को देखें, तो आप पाएंगे कि कैसे चीजों को एकदम बदल दिया गया.
3) मैं व्यक्तिगत तौर पर मानता हूं कि चिदंबरम एक अच्छे आदमी हैं और सबसे बेहतरीन मंत्रियों में से एक हैं, लेकिन सवाल उठता है कि उन्हें एक कट्टर आतंकी को क्लीन चिट देने के लिए कैसे मजबूर किया गया?
4) इशरत जहां मामले में लश्कर ने एनकाउंटर के ठीक बाद उसे ‘शहीद’ बता दिया, लेकिन जिस दिन मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी को जांच सौंपी गई लश्कर ने अपना बयान बदल दिया. तब उसने कहा कि उससे गलती हुई है और इशरत उसके मॉड्यूल का हिस्सा नहीं थी.
5) यह दिखाता है कि वे लोग मिलजुलकर काम कर रहे थे. यह भारत जैसे महान देश में होने वाली सबसे विनाशकारी बात है.