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कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद क्यों नहीं मिल रहा सस्ता पेट्रोल-डीजल, जानिए बड़ी वजह
एजेंसी/ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गिरते तेल की कीमतों की वजह से इस वर्ष तेल विपणन करने वाली कंपनियों को जहां रिकार्ड मुनाफा हो रहा है, वहीं वे घरेलू बाजार में डीजल और पेट्रोल की कीमतें कम कर जनता को फायदा नहीं पहुंचा सकीं क्योंकि इन ईंधनों पर केन्द्र और राज्य सरकारों ने कर बढ़ा दिया।
देश में तेल विपणन करने वाली सबसे बड़ी कंपनी इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) के अध्यक्ष बी. अशोक ने यहां शुक्रवार को कंपनी का परिणाम जारी करते हुए बताया कि वर्ष 2015-16 के दौरान कंपनी का शुद्ध लाभ 10,399 करोड़ रुपये रहा जो कि जो कि अभी तक का सर्वाधिक मुनाफा है। इससे एक साल पहले कंपनी को 5,273 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। उन्होंने इस साल रिकार्ड तोड़ मुनाफे की वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी, खर्च में कटौती, बेहतर रिफाइनिंग मार्जिन पाना आदि कारण बताया।
सरकारी तेल कंपनी हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के अध्यक्ष एमके सुराना ने यहां शुक्रवार को परिणाम जारी करते हुए बताया कि बीते वर्ष एचपीसीएल का शुद्ध लाभ 3,863 करोड़ रुपये रहा, जो कि एक वर्ष पहले की इसी अवधि के मुकाबले 41 फीसदी ज्यादा है। एक वर्ष पहले उसका शुद्घ लाभ 2,733.26 करोड़ रुपये रहा था।
पेट्रोल एवं डीजल की खुदरा कीमतें कम क्यों नहीं हुईं, इस सवाल पर आईओसी के अध्यक्ष बी. अशोक का कहना है कि इसके लिए तीन कारक जिम्मेदार हैं। पहला, यहां पेट्रोल-डीजल की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय मूल्य के आधार पर तय होती हैं। दूसरा कि कच्चे तेल की परिवहन लागत पहले जितनी ही है। तीसरा कि कच्चे तेल की कीमत घटने के बाद केन्द्र और राज्य सरकारों ने इन ईंधनों पर कर की दरों में वृद्धि कर दी है।