राष्ट्रीय

इस कारण खत्म हुई थी 8 हजार साल पुरानी सिंधु घाटी सभ्यता

एजेंसी/ indus_vally_29_05_2016कोलकाता। भारतीय उपमहाद्वीप को सभ्यता की जननी कहा जाता है। सिंधु घाटी या हड़प्पा की सभ्यता उनमें से एक थी। हड़प्पा सभ्यता की शुरुआत और पतन पर इतिहासकारों में कभी आम राय नहीं रही है। कुछ लोगों के मुताबिक सिंधु सभ्यता करीब 5500 साल पहले सिंधु नदी के आस पास पनपी थी। लेकिन, अब आईआईटी खड़गपुर और भारतीय पुरातत्व विभाग के अध्ययन में नई जानकारी सामने आई है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि सिंधु सभ्यता (इंडस सभ्यता) 8 हजार साल पहले अस्तित्व में थी। सिंधु घाटी सभ्यता मिस्र और मेसोपोटामिया से भी पुरानी थी। इस सभ्यता के पनपने के साथ-साथ पतन की कहानी रोचक है। आर्यों के आक्रमण, दांत के रोगों की समस्या और बाढ़ को पतन के लिए जिम्मेदार माना जाता रहा है। लेकिन अब जो तथ्य सामने आ रहे हैं। उसके मुताबिक मानसून की बेरुखी इस सभ्यता के पतन के लिए ज्यादा जिम्मेदार रही है।

सभ्यताओं का कालक्रम

  • सिंधु सभ्यता (8 हजार BC)
  • इजिप्ट (7 हजार से 3 हजार BC)
  • मेसोपोटामिया (6500 ईसापूर्व से 3100 BC)

सिंधु घाटी सभ्यता का पतन

शोधकर्ताओं का कहना है कि पुख्ता तौर पर अब कहा जा सकता है कि इस ऐतिहासिक सभ्यता की मौत मानसून की बेरुखी से हो गई। शोध के मुताबिक इंडस सभ्यता के लोग मौसम में हो रहे परिवर्तन के अनुसार अपनी आदतों और खेती करने के तरीके में बदलाव करते गए। लेकिन लगातार मानसून की बेरुखी की वजह से लोगों के संचित भंडारों में कमी आती गई और ये महान सभ्यता काल कवलित हो गई।

शोध में ये भी जानकारी सामने आई है कि पूर्व हड़प्पा सभ्यता इससे भी एक हजार साल पुरानी थी। 25 मई 2016 को इस संदर्भ में नेचर जर्नल में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंधु घाटी सभ्यता अपने जन्म से लेकर पतन तक करीब 3 हजार साल तक जिंदा रही।

आईआईटी खड़गपुर के जियोलॉजी और जियोफिजिक्स विभाग के अध्यक्ष अनिंद सरकार का कहना है कि ऑप्टिकल ल्यूमिनेंस के जरिए हड़प्पा काल के बर्तनों की जांच की गई। जांच में ये पाया गया कि करीब आठ हजार साल पहले प्री हड़प्पा हकरा फेज में लोग बर्तनों की शानदार ढंग से डिजाइन किया करते थे।

 
 

Related Articles

Back to top button