एजेंसी/ नई दिल्ली। पश्चिमी दिल्ली द्वारका की जिला अदालत में काम करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को ड्रेस कोड का पालन करना होगा। एक सर्कुलर जारी कर यह आदेश दिया गया है जिसके मुताबिक महिलाओं को सलवार कमीज या साड़ी पहनना होगा और पुरुषों को पैंट-शर्ट और फॉर्मल जूते पहनने होंगे। अगर कोई भी कर्मचारी व अधिकारी इस निर्देश का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। द्वारका जिला अदालत की जिला व सत्र न्यायाधीश रविंद्र कौर ने यह आदेश जारी किया है।
अदालत परिसर में ऐसा देखने में आया है कि कर्मचारी ड्रेस कोड का पालन नहीं करते। जिसके बाद ये आदेश जारी किया गया है। 23 मई को जारी किए गए इस सर्कुलर को जिला अदालत की वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है। अधिकारियों व कर्मचारियों को काम के दौरान अदालत परिसर में अपना पहचान पत्र भी साथ रखने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं बीजेपी नेता शाजिया इल्मी ने इस ड्रेस कोड के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बहुत मायूसी की बात है कि यह फैसला न्यायपालिका तरफ से आया है। उन्होंने कहा महिलाओं के साथ होने वाली वारदातों को हमेशा कपड़ों से जोड़ा जाता है। यह मानसिकता की बात है। अगर महिलाओं को जबरन सलवार कमीज पहनने को कहा जाए तो यह गलत है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता और पेशे से वकील आभा सिंह का कहना है कि द्वारका कोर्ट ने जिस तरह का ड्रेस कोड निकला है यह ऑडर दिल्ली हाईकोर्ट निकाल सकता है। उनको हाइकोर्ट से इजाजत लेनी चाहिए क्योंकि स्थानीय कोर्ट को ये पावर नहीं दी गई है।