सात राज्यों को NGT की फटकार, कहा- प्रदूषण पर पूरी जानकारी नहीं दी तो CS के खिलाफ जारी होगा वारंट
एजेंसी/ सात राज्यों के 15 शहरों में बढ़ते प्रदूषण के मामले में दायर अर्जी पर सोमवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सुनवाई हुई. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 15 शहरों के एयर क्वालिटी का डाटा एनजीटी को सौंपा. एनजीटी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा, ‘सभी राज्यों के वकील अगर मंगलवार तक ये नहीं बता पाए कि उनके राज्य का कौन सा शहर सबसे ज्यादा प्रदूषित है, तो राज्य के चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया जाएगा.’
एनजीटी ने मांगी ये जानकारी
हैवी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री ने 11 बड़े शहरों में डीजल गाड़ियों को बैन नहीं किए जाने के लिए एनजीटी में इंटरवेंशन एप्लीकेशन दी थी. जिसपर सोमवार को सुनवाई हुआ. एनजीटी ने कहा कि मंगलवार तक हर हाल में हर राज्य ये बताएगा की राज्य का सबसे प्रदूषित शहर कौन सा है? उस शहर में कितने वाहन हैं? शहर की कुल आबादी कितनी है? ये आंकड़े इस महीने तक के होने चाहिए. अगर कोई भी वकील गैरमौजूद रहा या फिर पूरी जानकारी के बिना पेश हुआ, तो राज्य के चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ वारंट जारी किया जाएगा.
एनजीटी ने मांगा था 11 शहरों का पॉल्यूशन डाटा
देश के 11 बड़े शहरों में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को आदेश दिया है कि वो 11 बड़े शहरों के एयर क्वालिटी का डाटा एनजीटी को 30 मई तक दे. जिन शहरों का डाटा मांगा गया है उसमें लखनऊ, पटना, पुणे, बंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, कानपुर, जालंधर, वाराणसी, अमृतसर शामिल हैं.
आड़े आ रही एजेंसी और सरकार की उदासीनता
दरअसल, इन शहरों के बढ़ते प्रदूषण को लेकर मीडिया में लगातार खबरें आ रही हैं. NGT जनवरी 2016 में संबंधित सरकार को प्रदूषण कम करने के लिए कदम उठाने का निर्देश पहले ही दे चुका है. हालांकि, एजेंसी और सरकार की निष्क्रियता के चलते प्रदूषण कम नहीं हो पा रहा है. यही वजह है कि NGT ने एयर क्वालिटी का ब्योरा सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से मांगा है.