अनिल अंबानी का रिलायंस ग्रुप रक्षा क्षेत्र में उतरने की तैयारी कर रहा है। उनकी कंपनी हेलिकॉप्टर, मिसाइल सिस्टम और सबमरीन बनाने के लिए डिफेंस प्रोजेक्ट्स पाने की कोशिश में है। कंपनी के सीनियर अफसरों के मुताबिक, रिलायंस 84,000 करोड़ रुपए की एक बिड में हिस्सा ले चुकी है। हालांकि, अभी तक कंपनी को एक भी प्रोजेक्ट नहीं मिला है।
मिलिट्री के लिए अच्छे और एडवांस हथियारों की तादद बढ़ाने के लिए सरकार इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार दस सालों में 250 बिलियन डॉलर का डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट देने की तैयारी में है। रिलायंस डिफेंस के चीफ एग्जीक्यूटिव आर के ढींगरा ने कहा, ‘हम सरकार के इस कॉन्ट्रैक्ट में अहम हिस्सेदारी की उम्मीद रखते हैं।’ उन्होंने कहा कि डिफेंस सेक्टर में कंपनी कुछ सालों में बड़े प्लेयर के तौर पर सामने आएगी।
रिलायंस मिलिट्री हथियारों के साथ पूरा डिफेंस सिस्टम बनाने की तैयारी में है। कंपनी हल्के हेलिकॉप्टर बनाने के प्रोजेक्ट हासिल करने का भी प्रयास करेगी। इसके अलावा मिसाइल और एटमी ताकत से लैस सबमरीन बनाने के लिए कंपनी तैयारी कर रही है।
खबर है कि रिलायंस इजरायल की कंपनी राफेल के साथ मिलकर इंडिया में ज्वाइंट वेंचर बना रही है। राफेल के साथ कंपनी मिसाइल, डिफेंस सिस्टम और एडवांस हेलिकॉप्टर बनाने की कोशिश में है। वेंचर का शुरुआती कैपिटल 13000 करोड़ रुपए होगी। कंपनी में रिलायंस की 51 और राफेल की हिस्सेदारी 49 फीसदी होगी। नया वेंचर मध्य प्रदेश के इंदौर में धीरुभाई अंबानी लैंड सिस्टम्स पार्क में शुरू होगा।