ट्रेन के अंदर सीटों को लेकर बड़े घोटाले का खुलासा, आरक्षण चार्ट में ही हो जाता है खेल
‘प्रभु’ की रेल में भष्ट्राचार और लापरवाही का बोलबाला है. नया मामला ट्रेनों में खाली बर्थ में करप्शन को लेकर हैं. पटना से चलने वाली ट्रेनों में अदृश्य बर्थ होते है जिन्हें आम व्यक्ति तो देख सकता है लेकिन रेलवे की आंखें नहीं देख सकती या फिर देखना नहीं चाहती है. अधिकारी अपने फायदे को देखते हुए कार्रवाई नहीं करते हैं.
दिल्ली-हावड़ा रूट पर पटना से दिल्ली जाने वाली किसी भी ट्रेन की कंर्फम टिकट मिलना काफी मुश्किल है. ऐसे में अगर दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में 12 अदृश्य बर्थ का घोटाला हो रहा है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
हालांकि, इससे रेलवे के राजस्व में कोई कमी नहीं हो रही क्योंकि टीटीई साधारण टिकट लेकर बैठने वाले व्यक्ति को फाइन करते है. ऐसे सवाल उठता है कि आम लोग जो कई महीने पहले आरक्षण टिकट लेने के लिए परेशान रहते हैं अगर एलएचबी कोच के अतिरिक्त कोच की बर्थ को भी वेटिंग लिस्ट या आरएसी वाले को दे दिया जाता तो प्रतिदिन 24 और लोगों को आरक्षित टिकट मिल सकता है.
पूर्व मध्य रेल कर्मचारी यूनियन के शाखा मंत्री ने भी इसकी जांच कराने की मांग की है. हैरत कि बात है कि रेलवे के अधिकारी तक को इस बात की जानकारी नहीं है. रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि वो इसके बारे में तहकीकात करेंगे.
बताया यह भी जा रहा है कि राजेन्द्र नगर कोचिंग काम्पलेक्स जहां कोच लगाये जाते है वहीं से ये गड़बड़ी हो रही है. गौरतलब है कि अगर रेलवे इन अदृश्य बर्थ को इमरजेंसी कोटे की तरह इस्तेमाल करे तो ना सिर्फ रेलवे को फायदा होगा बल्कि आपातकाल की स्थिति में आम लोगों भी राहत मिलेगी, लेकिन भष्ट्राचार के कारण गोरखधंधा जारी है.