गणपति को प्रिय हैं ये 6 नाम, इनके स्मरण से संपूर्ण होगा हर शुभ काम
हिंदू धर्म में हर देवी-देवता एक विशिष्ट शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। हर देव का एक से ज्यादा नाम होता है। उन नामों के गूढ़ अर्थ होते हैं। अधिकतर ऐसे नामों का उल्लेख मंत्रों अथवा पौराणिक कथाओं में आता है। हर नाम के पीछे एक विशेष कथा है।
माना जाता है कि उन नामों का स्मरण करने से संबंधित देवता शीघ्र प्रसन्न होते हैं तथा अपनी शक्ति से भक्त के जीवन में आने वाले दुख-दरिद्रता का निवारण करते हैं। प्रथमपूज्य भगवान गणपति के भी अनेक नाम हैं।
श्रद्धापूर्वक उनके जाप से गणपति सभी कार्य बिना किसी विघ्न-बाधा के संपन्न करते हैं। जानिए भगवान गणपति के उन नामों के बारे में जो उन्हें अत्यधिक प्रिय हैं और उनके स्मरण से वे पूरी करते हैं भक्त की हर मनोकामना।
गजानन
इस नाम का मतलब है- जिसका मुख हाथी जैसा हो। गणेशजी का चेहरा हाथी का है। जब शिव ने त्रिशूल के प्रहार से उनका मस्तक काट दिया था तो उन्हें हाथी का मुख लगाया गया। इसलिए गणपति को गजानन कहा जाता है।
लंबोदर
भगवान गणपति का उदर यानी पेट बड़ा है, इसलिए उनका एक नाम लंबोदर है। बड़ा पेट होने का रहस्य यह है कि अगर कोई व्यक्ति आप पर विश्वास करे तो उसके रहस्यों को गुप्त रखना चाहिए। बड़ा पेट भरोसा जीतने का प्रतीक है।
गणाध्यक्ष
गणपति का एक नाम गणाध्यक्ष भी है। इसका मतलब है- सभी देवगणों के अध्यक्ष। चूंकि नए कार्य का आरंभ गणपति के स्मरण से किया जाता है और वे उसे निर्विघ्न संपन्न करते हैं। वे अपने विशेष गुणों के कारण गणाध्यक्ष हैं।
गजकर्ण
गणेशजी का मुख हाथी जैसा है। उनके कान भी हाथी जैसे ही हैं। यह लक्षण उनकी बुद्धिमत्ता को अभिव्यक्त करता है। बड़े कान सौभाग्य का प्रतीक माने जाते हैं।
विनायक
गणेशजी प्रथम पूजनीय हैं। इस कारण वे नायकों के भी नायक कहलाते हैं। यह वरदान उन्हें धैर्य, सुबुद्धि, माता-पिता के प्रति भक्ति, विद्वता और विनयशीलता के कारण मिला।