कपल्स माता-पिता के लिए बच्चे पैदा करें और देश को बूढ़ी होती आबादी से छुटकारा दिलाएं
एजेंसी/ कोपेनहेगन: खुशियों की संतुष्टता के मामले में पहले नंबर पर पदस्थापित डेनमार्क में एक समय में बच्चे ही नहीं थे. लेकिन आज आलम यह है कि हर जगह से केवल बच्चे पैदा होने की ही खबरें आ रही है. डेनमार्क के लिए यह अच्छी खबर है, क्यों कि वहां जन्म दर काफी नीचे हो गई थी।
देश में भर में बुढ़ो के लिए जचलाए जा रहे वेलफेयर प्रोग्राम इसके कारण दबाव में आ गए थे. लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा था कि वो अधिक से अधिक बच्चे पैदा करे. वर्ष 1970 में औसतन 24 वर्ष में युवा पहली बार बच्चों के माता-पिता बन जाते थे।
साल 2014 तक आते-आते यह आयु सीमा बढ़कर 29.1 वर्ष हो गई थी. जन्म दर में वृद्धि के लिए राष्ट्रीय चैनलों पर टार्गेटेड सेक्स कैंपेन भी चलाया गया. बीते वर्ष सितंबर 2015 में एक हवाई कंपनी ने सबसे फेमस ऐड बनाया था. जिसका टैगलाइन था. अपने देश के लिए करो, अपनी मां के लिए करो।
इसमें कपल्स को वेकेशन पर भेजने की भी बात कही गई थी. इस कैंपेन में कहा गया था कि कपल्स अपने माता-पिता के लिए बच्चे पैदा करें और देश को बूढ़ी होती आबादी से छुटकारा दिलाएं. इसके बाद कई शहरों ने भी अपने कैंपेन चलाए और सरकारी टीवी और रेडियो पर इन कैंपेन को दिखाया गया।
‘द लोकल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अब नौ महीने बाद पता चला है कि लोगों पर इस कैंपेन का असर पड़ा और पिछली गर्मियों के मुकाबले इस बार देश में 1,200 बच्चे ज्यादा पैदा होने वाले हैं।