कैसे होगी BJP की नैय्या पार
एजेंसी/ नई दिल्ली : 11 जून यानि कल राज्यसभा के लिए चुनाव होने वाले है। बीजेपी के पास पर्याप्त समर्थन तो नहीं है, लेकिन इसके बावजूद निर्दलीय समर्थकों के भरोसे चल रही बेजपी ने सभी विरोधियों की चिंता बढ़ा दी है। बीजेपी राज्यसभा में अपने सीटों की संख्या बढ़ाना चाहती है, लेकिन उतर प्रदेश और मध्य प्रदेश में ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
बीजेपी पर ताना मारते हुए सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि जितनी चादर हो उतना ही पैर पसारना चाहिए। यूपी में अजित सिंह के समर्थन से समाजवादी पार्टी के सभी सात उम्मीदवारों की जीत का रास्ता साफ दिख रहा है, लेकिन बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार प्रीति महापात्रा और कांग्रेस के कपिल सिब्बल के लिए अभी भी राह मुश्किल भरी है।
यूपी में राज्यसभा के लिए 11 सीटें है, लेकिन मैदान में 12 उम्मीदवार है, जिसमें से सपा से 7, बसपा से 2, बीजेपी-कांग्रेस से 1-1 उम्मीदवार है। दूसरी ओर हरियाणा में दो सीटों पर तीन उम्मीदवार है। यहां बीजेपी तो जीत जाएगी, लेकिन असल टक्कर जी मीडिया के मालिक सुभाष चंद्रा और आईएनएलडी समर्थक वकील आर के आनंद में है।
टूट-फूट की आशंका को देखते हुए आईएनएलडी ने अपनी पार्टी के विधायकों को मसूरी भेज दिया है। राजस्थान में भी बीजेपी की हालत नाजुक है, क्यों कि अंतिम घड़ी में निर्दलीय उम्मीदवार कमल मोररका ने पर्चा भर दिया। अब बीजेपी को चार सीटें जीतने के लिए चार अतिरिक्त वोट चाहिए।
गुरुवार को कांग्रेस उम्मीदवार विवेक तन्खा को बड़ी राहत मिल गई। हाइकोर्ट ने कांग्रेस विधायक सत्यदेव कटारे को डाक मतपत्र डालने की इजाजत दे दी। यहां बीजेपी को दो सीटों पर जीत मिल सकती है, लेकिन तीसरी सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है।
झारखंड में बीजेपी के मुख्तार अब्बास नकवी की जीत तय है। दूसरी सीट के लिए बीजेपी समर्थित महेश पोद्दार और जेएमएम के बसंत सोरेन में मुकाबला होना है। बीजेपी को दूसरी सीट जीतने के लिए 9 वोट चाहिए। छोटी-छोटी पार्टियां अभी जेएमएम के साथ तो हैं, लेकिन झारखंड में राज्यसभा चुनाव का दागदार इतिहास बताता है कि नतीजा अंतिम समय में कुछ भी हो सकता है।