जानिए ओबामा की एक मात्र उपलब्धि
एजेंसी/ वॉशिंगटन| अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष पॉल रेयान ने कहा है कि भारत सरकार अमेरिका की ‘बड़ी सहयोगी’ बनने जा रही है और इस संबंध को परवान चढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने यहां एक विदेश नीति भाषण में राष्ट्रपति बराक ओबामा की नीतियों की तीखी आलोचना की और उनके भाषण में भारत-अमेरिका संबंध ही ऐसा पहलू रहा जिसकी उन्होंने तारीफ की।
रेयान ने कहा, ‘मेरा मानना है कि खास तौर पर और विशिष्ट रूप से मोदी का नेतृत्व आपकी (ओबामा) जरूरत है। उन्होंने और मैंने इस पर लंबी चर्चा की कि भारत-अमेरिका भविष्य में खासकर समुद्री मामलों, प्रशांत और हिन्द महासागर में भूमिका की बड़ी संभावना रखते हैं। यह सुनिश्चित करते हुए कि हम वैश्विक हितों और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को व्यवस्थित करने में मदद करें। आप जानते हैं कि चीन विवादित क्षेत्रों में द्वीपों पर रनवे बना रहा है।’
उन्होंने यह बात अपने आमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित किए जाने के एक दिन बाद गुरुवार को विदेश संबंध मामलों की परिषद में एक संबोधन में कही। मोदी रेयान की अध्यक्षता में कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करने वाले पहले विदेशी नेता हैं। बुधवार को मोदी और रेयान ने प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले आमने-सामने की बातचीत की थी। रेयान ने मोदी के सम्मान में दोपहर भोज भी आयोजित किया था। इसके एक दिन बाद रेयान ने मोदी की जमकर तारीफ की।
रेयान के कार्यालय से जारी टिप्पणियों के अनुसार उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि नई भारत सरकार हमारी बड़ी सहयोगी बनने जा रही है और हमारा उनके साथ बेहतर सहयोग है। इसे हमें परवान चढ़ाने और आगे बढ़ाने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘और हममें से जो लोग मोदी के प्रशंसक हैं, आप जानते हैं, वह एक कंजर्वेटिव हैं, जो स्वतंत्र उद्यमिता चाहते हैं, अपनाते हैं। वह देश में आवश्यक सुधार ला रहे हैं।’
प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष ने कहा, ‘वह एक तरह का गठबंधन है जो हमें निर्मित करने की आवश्यकता है, मैं ओबामा की पिछले आठ साल की विदेश नीति की बात करूंगा जहां हमने अपने सहयोगियों को नजरअंदाज किया है और हमने मूलत: अपने शत्रुओं, अपने विरोधियों को पुरस्कृत किया है।’ सिर्फ भारत पर अपनी टिप्पणियों को छोड़कर रेयान ने ओबामा की विदेश नीति की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि नई ओबामा विदेश नीति सुस्पष्ट रूप से विफल है। यह हमारी तैयारियों को कम कर रही है। यह हमारी सैन्य क्षमता और शक्ति को घटा रही है।’
रेयान ने कहा, ‘यह हमारे सहयोगियों को भ्रमित कर रही है और हमारे विरोधियों को प्रोत्साहित कर रही है। इसलिए हम कह रहे हैं कि हमें अपनी प्रणाली को दुरस्त करना होगा। यदि हमें इन समस्याओं को नियंत्रण से बाहर जाने देने से रोकना है तो हमें अपनी विदेश नीति को पुनर्गठित और पुष्ट करना होगा, खासकर सैन्य नीति को ।’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के संयुक्त सत्र में मोदी का संबोधन एक महान दिन था। रेयान ने कांग्रेस में भारत-अमेरिका संबंधों को द्विदलीय समर्थन का उल्लेख करते हुए कहा, ‘इसलिए जब हमने कैपिटोल हिल में भारत के प्रधानमंत्री को सुना तो यह एक महान दिन था। वह कांग्रेस के समक्ष बोले और यह हमारे दोनों देशों के बीच बढ़ती मित्रता के लिए एक महान क्षण है।’
रेयान ने कहा, ‘पिछले सात सालों में हमारी मित्रता उतार-चढ़ाव वाली रही। हमारे प्रतिद्वंद्वी मजबूत हुए। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि हमारे शत्रु अब हमसे नहीं डरते और हमारे बहुत से सहयोगी हम पर विश्वास नहीं करते।’ रेयान द्वारा विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर जारी रिपब्लिकन दस्तावेज में पार्टी ने कहा कि भारत और अमेरिका विश्व की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।
दस्तावेज में कहा गया, ‘हमें उभरते सहयोगियों को अपनाना चाहिए जो उनके क्षेत्रों में और उससे परे शांति रखने में मदद कर सकते हैं।’ इसमें कहा गया, ‘भारत, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका के साझा हित हैं और हमें विश्व के घटनाक्रमों को आकार देने के वास्ते मिलकर काम करने के लिए उस बुनियाद के सहारे और आगे बढ़ना चाहिए।’
अमेरिकी हित को आगे बढ़ाने के उद्देश्य के तहत 25 पन्नों का दस्तावेज भारत जैसी उभरती शक्तियों के साथ ‘संबंधों को गहरा करने’ का आह्वान करता है। रेयान द्वारा जारी विदेश नीति दस्तावेज ओबामा प्रशासन की पाकिस्तान नीति की भी निंदा करता है। इसमें कहा गया, ‘पाकिस्तान जैसी जगहों पर प्रशासन ने कंस्ट्रक्शन में बड़ा निवेश किया है, लेकिन आर्थिक वृद्धि के वास्ते सकारात्मक माहौल पैदा करने में आवश्यक सुधार हासिल करने में विफल रहा।’