भारत के एनएसजी सदस्यता प्रयास का ब्रिटेन ने किया समर्थन
लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत के एनएसजी की सदस्यता प्रयास को अपने देश का भरपूर समर्थन देने का भरोसा दिया है।
परमाणु व्यापार क्लब की अगले सप्ताह होने जा रही महत्वपूर्ण बैठक से पहले भारतीय प्रयास को मजबूती मिली है। कैमरन ने फोन पर मोदी के साथ बातचीत में 48 देशों के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता हासिल करने के भारत के प्रयास का समर्थन करने की पुष्टि की।
डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की। यह बातचीत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन के बारे में थी।’
अमेरिका पूरी तरह भारत के साथ
मालूम हो, एनएसजी यानी न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप की सदस्यता हासिल करने के लिए भारत कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। हाल ही में पांच देशों की विदेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मकसद भी इसी संबंध में समर्थन जुटाना था।
भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि अमेरिका पूरी तरह से मोदी सरकार के साथ है। हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एनएसजी सदस्य देशों से अपील की है कि वे भारत के सदस्यता दावे को समर्थन करें।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी के मुताबिक, यूनाइटेड स्टेट्स ने एनएसजी सदस्यों से अपील की है कि संभवतया अगले हफ्ते होने वाली सभी 48 सदस्यों की बैठक में भारत की दावेदारी का समर्थन किया जाए।
बकौल किर्बी, हमें नहीं पता कि क्या होने जा रहा है। हम कोई अंदाजा भी नहीं लगाना चाहते, लेकिन यह पूरी तरह सच है कि हमने भारत के आवेदन का समर्थन किया है।
हालिया अमेरिका दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ने इस संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से बात की थी। ओबामा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत का समर्थन किया था।
मालूम हो, इस मसले पर चीन भारत के खिलाफ है। उसका कहना है कि भारत को यह सदस्यता हासिल हो गई तो परमाणु शक्ति के मामले मेें पाकिस्तान कमजोर पड़ जाएगा और इस तरह एशिया में शक्ति संतुलन गड़बड़ा जाएगा।