अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्राचीन अनुशासन योग का तब तक कोई मतलब नहीं जब तक कि शराब की खरीद-बिक्री पर पूर्ण पाबंदी ना लग जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में कदम उठाने का आग्रह किया।
पालामऊ जिले में एक मीटिंग में नीतीश ने कहा कि योग एक प्राकृतिक क्रिया है मगर एक शराबी इसे नहीं कर सकता है। योग तब तक बेमतलब है जब तक शराब बिक्री पर पूर्ण पाबंदी ना लग जाए। उन्होंने मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वह बचपन से योग कर रहे हैं मगर उन्होंने कभी इसका प्रचार नहीं किया।
उन्होंने भाजपा पर योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में पार्टी के प्रचार का माध्यम बना लेने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि गुजरात में आजादी के बाद से ही शराब पर पाबंदी है जिसमें मोदी का कोई योगदान नहीं है। एक लोकतांत्रिक देश में व्यापार से ज्यादा लोककल्याण के बारे में सोचना चाहिए। यहां सरकार शराब से होने वाली 5000 करोड़ की आमदनी के बारे में सोचती है।