अपनी सहमति से समलैंगिक संबंधों को अपराध नहीं मानने की लगाई गुहार
28 जून देश की हाईप्रोफाईल सेलिब्रेटी ने सुप्रीम कोर्ट से समलैंगिक संबंधों को अपराध घोषित करने वाली आईपीसी की धारा-377 को रद्ध करने की मांग की है। इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई हो सकती है।
समलैंगिक व एलजीबीटी समुदाय से संबंधित सेलिब्रेटी शैफ रितू डालमिया, होटेलियर अमन नाथ और डांसर एन.एस.जौहर ने अपने सैक्सुअल पसंद की रक्षा करने की गुहार करते हुए कहा है कि यह जीवन जीने के मूलभूत अधिकार में ही निहित है।
सेलिब्रेटी का कहना है कि समलैंगिक संबंधों को जुर्म मानने के प्रावधान के कारण उनका जीवन बेहद कष्टदायक व संकीर्ण हो गया है और इससे उनके अधिकारों का भी हनन हो रहा है।
इनका कहना है कि अपने-अपने क्षेत्र में देश व समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान करने के बावजूद उन्हें अपनी मर्जी की सैक्सुअल रिलेशन रखने से वंचित किया जा रहा है। जबकि यह ना केवल बुनियादी बल्कि अंतर्निहित मूलभूत अधिकार है।
लेकिन आईपीसी की धारा-377 के कारण उन्हें अपने ही देश में अपराधी माना जाता है। उल्लेखनीय है कि दो फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले समान लिंग में सहमति से होने वाले सैक्स संबंधों को भी धारा-377 के तहत अपराध मानने को पुन: लागू करने के खिलाफ दायर क्यूरेटिव पिटिशन को पांच जजों की संवैधानिक बैंच को रैफर कर दिया था।
पिछले दिनों सीजेआई जस्टिस टी.एस.ठाकुर ने नाज फाउंडेशन की क्यूरेटिव पिटिशन को खुली अदालत में सुनवाई करने की सहमति भी दी थी। क्यूरेटिव पिटिशन सुप्रीम कोर्ट के 2013 के उस फैसले के खिलाफ दायर की गई है जिसमें धारा-377 को पुर्नजीवित कर दिया था।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने नाज फाउंडेशन की याचिका पर ही दो जुलाई,2009 को सहमति से एक ही लिंग के दो लोगों के मध्य बनने वाले सैक्सुअल रिलेशन को अपराध मानने से इनकार करते हुए आईपीसी की धारा-377 को रद्ध कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दो बार इनकार करने के बाद मामले में क्यूरेटिव पिटिशन को पांच जजों की बैंच को रैफर कर दिया था। लेकिन अब तीन सेलिब्रेटी ने नई याचिका दायर कर धारा-377 को रद्ध करने की मांग की है।