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स्वामी के लिए आज अग्निपरीक्षा का दिन

ताकत दिखाने को बुलाया समर्थकों का सम्मेलन
SWAMI_PRASADलखनऊ। बहुजन समाज पार्टी से नाता तोड़ने के बाद राजनीति में नयी राह की तलाश में जुटे स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए कल पहली जुलाई का दिन खासा अहम साबित होने जा रहा है। कमोबेश स्वामी इससे पहले कभी भी इस तरह की स्थितियों से रूबरू नहीं हुए हैं। लेकिन अब उनके पास अपनी राजनैतिक ताकत दिखाये बिना उनका राजनैतिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है। इसी सोच के चलते कल स्वामी ने अपनी राजनीतिक ताकत का अहसास कराने के लिए कमर कस ली है।
कभी बसपा के राष्ट्रीय महासचिव व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे श्री मौर्य ने अपने समर्थकों की कल यहां बैठक बुला रखी है। वह समर्थकों से आगे की रणनीति बनाने पर चर्चा करेंगे। श्री मौर्य ने राजधानी के पॉश इलाके गोमतीनगर के एक स्कूल में अपने समर्थकों को 11 बजे पहुंचने के लिए कहा है। बीती 22 जून को बसपा छोडने के बाद पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि श्री मौर्य समाजवादी पार्टी में जायेंगे और 27 जून को मंत्रिमंडल के होने वाले विस्तार में अखिलेश यादव मंत्रिमंडल में शामिल होंगे, मगर दो दिन बाद ही उन्होने सपा सरकार के खिलाफ बयान देकर जारी अटकलों को विराम दे दिया। इसके बाद से ही उनके भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें लग रही हैं। हालांकि वह बराबर कह रहे हैं कि समर्थकों की राय के बाद वह कोई फैसला लेंगे। कुछ लोग उनके द्वारा अलग पार्टी बनाने की बात भी कह रहे हैं।
सनद रहे कि श्री मौर्य ने 22 जून को पार्टी अध्यक्ष सुप्रीमो मायावती के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था। उन्होने सुश्री मायावती पर टिकटों की बोली लगाने का आरोप लगाते हुए पार्टी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कहना था कि बसपा अध्यक्ष कांशीराम और अंबेडकर से रास्ते भटक गई हैं। मौर्य ने कहा था कि मायावती दलित नहीं, दौलत की बेटी है। उन्होने पिछले चुनाव से सबक नहीं लिया। उधर, बसपा अध्यक्ष ने श्री मौर्य के आरोपों को दरकिनार करते हुये कहा था कि वह अपने परिवार के लिये टिकट की मांग कर रहे थे। उन्होने कहा था कि मौर्य ने इस्तीफा देकर सही फैसला किया नही तो उन्हे पार्टी से जल्द निकाला जाने वाला था। इस बीच बसपा ने बुधवार को स्वामी प्रसाद मौर्य की विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने के लिये एक याचिका दी है। इस संबंध में विधानसभा सचिवालय ने श्री मौर्य को एक नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है। विधानसभा में नेता विपक्ष और बसपा नेता गयाचरण दिनकर ने संविधान की दसवीं अनुसूची के अनुच्छेद 191(2) के तहत विधानसभा अध्यक्ष से कहा है कि 22 जून को श्री मौर्य का गैर मर्यादित आचरण व्यवहार सिद्ध करता है कि उन्होने पार्टी छोड दी है और अब उनकी सदस्यता उसी दिन से समाप्त की जानी चाहिये।

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