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नई दिल्ली : उपदेशक जाकिर नाइक का एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) इन आरोपों के बीच गृह मंत्रालय की निगरानी में आ गया है कि उसने विदेशों से प्राप्त चंदे का उपयोग राजनीतिक गतिविधियों और लोगों को कट्टरपंथी विचारों के लिए प्रेरित करने के लिए किया।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईआरएफ की गतिविधियों की जांच के आदेश दिये गये हैं। आईआरएफ विदेशी चंदा विनियमन कानून के तहत दर्ज है।
मुम्बई के नाइक तब सरकारी निगरानी में आ गए जब यह खबर आयी कि उनके भाषण ने ही ढाका कैफे के हमलावरों में से कुछ को प्रेरित किया था। महाराष्ट्र सरकार ने मुस्लिम उपदेशक के भाषणों की जांच का
आदेश गुरुवार को दिया था। गृह मंत्रालय इन आरोपों की जांच करेगा कि आईआरएफ को मिले विदेशी चंदे का इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधियों के लिए किया गया। इस एनजीओ के धन का उपयोग लोगों को इस्लाम के प्रति और युवकों को आतंक की आकषिर्त करने के लिए किया गया।
गृह मंत्रालय में एक ऑनलाइन याचिका दायर कर आईआरएएफ और उसके प्रमुख जाकिर नाइक के खिलाफ आरोपों की सूची दी गयी है। अधिकारियों ने बताया कि जहां वह नियमित रूप से पेश होते हैं और उपेदश देते हैं, की सामग्री देश के सुरक्षा माहौल के लिए अनुकूल नहीं है और सुरक्षा खतरा पैदा करते हैं।
इससे पहले गृहमंत्री ने कहा था कि उनके भाषणों की सीडियों की जरूरी कार्रवाई के लिए जांच की जा रही है और सरकार आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी। लेकिन नाइक ने एक बयान जारी कर कहा था कि वह इस बात से बिल्कुल असहमत हैं कि उन्होंने ढाका में मासूम लोगों की हत्या की हरकत के लिए उकसाया था। उन्होंने कहा, ‘मेरा एक भी ऐसा भाषण नहीं है जहां मैंने किसी को दूसरे, चाहे वह मुसलमान हो या गैर मुसलमान, की हत्या के लिए उकसाया हो।’
नये सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने मीडिया में सामने आए नाइक के भाषण को बहुत ही आपत्तिजनक बताया है। माना जाता है कि शुक्रवार को ढाका के एक रेस्तरां पर हमला करने वाले बांग्लादेशी आतंकवादियों में कुछ को नाइक के भाषणों से ही प्रेरणा मिली थी। इस हमले में 22 लोगों की जान चली गयी थी जिनमें ज्यादातर विदेशी थे